नई दिल्ली: गवर्नरों के किरदार पर तनाज़ात के पस-ए-मंज़र में सदर जम्हुरिया प्रणब मुख़र्जी ने इन तमाम को जो दस्तूरी ओहदों पर फ़ाइज़ हैं, दस्तूर की तक़दीस बरक़रार रखने का मश्वरा दिया। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद से हमारी क़ौम ताक़तवर से ताक़तवर होती जा रही है।
बुनियादी तौर पर इस की वजह ये है कि दस्तूर में जिन उसोलों की तमानीयत दी गई है उनकी सख़्ती से पाबंदी की जाती है। उन्होंने कहा कि ये एक मुस्तक़िल दस्तावेज़ है जिससे इन कारनामों की जामा अंदाज़ में निशानदेही होती है जिससे हिन्दुस्तानी अवाम की उमनगों की तकमील मुम्किन है।
वो राष़्ट्रपती भवन में गवर्नर्स की दो-रोज़ा कान्फ़्रेंस का इफ़्तेताह कर रहे थे। सदर जम्हुरिया ने कहा कि उभरते हुए तनाज़ात के पेश-ए-नज़र जो गवर्नर जे पी राज खोह (अरूणाचल प्रदेश के किरदार की वजह से मुख़्तलिफ़ तबदीलीयां आई हैं जिनके नतीजे में रियासत में सदर राज नाफ़िज़ किया गया।
सदर जम्हुरिया ने कहा कि इस मसले पर एक मुक़द्दमा सुप्रीमकोर्ट में भी ज़ेरे दौरान है। उन्होंने कहा कि इनकी मीयाद का आख़िरी साल दहशतगर्द हमलों की वजह से सख़्त मुश्किल रहा। इन हमलों का ताल्लुक़ बैरून-ए-मुल्क था। उन्होंने कहा कि मुल़्क अपनी कोशिशें जारी रखे हुए है ताकि तमाम बैन-उल-अक़वामी मसाइल पुरअमन बातचीत और सौदेबाज़ी के ज़रिया हल किए जा सकें।
उन्होंने कहा कि सयान्ती माहौल परेशानकुन है जिसकी वजह से दस्तूरी ओहदों पर फ़ाइज़ अफ़राद को मुहतात रहना चाहिए। इस चोटी कान्फ़्रेंस में 23 गवर्नरों और लेफ्टेनेंट गवर्नरों ने रियासतों और मर्कज़ी ज़ेर-ए-इंतेज़ाम इलाक़ों से शिरकत की। सदर जम्हुरिया ने माहौलियात की तबदीली पर ईज़हार-ए-तशवीश करते हुए कहा कि माहौलियात की सतहें खासतौर पर शहरों में अवाम को सेहत मंद, ख़ुशहाल और अमली ज़िंदगी के हक़ से महरूम कर रही हैं।
वो गवर्नरों की चोटी कान्फ़्रेंस से ख़िताब कर रहे थे। सदर जम्हुरिया ने कहा कि इस सिलसिले में एक पालिसी तैयार की जानी चाहिए और हालिया अरसे में फ़ित्रत के ग़ैरमामूली रवैय्ये की वजूहात और इसके मुज़िर असरात का अज़ाला किया जाना चाहिए|