दहशतगर्द की दुनिया का मशहूर नाम है मो. तहसीन अख्तर उर्फ मोनू। वह क़ौमी ट तहफ्फुज एजेंसी (एनआइए) का वांटेड दहशतगर्द है। इसके सिर दस लाख का इनाम भी ऐलान है।
इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) का नंबर दो दहशतगर्द तहसीन समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थाने के मनियारपुर रिहायसी मो. वसीम अख्तर का बेटा है। वह यासीन भटकल के लिए काम करता है। बताया जाता है कि साल 2009-10 के दौरान तंज़िम तौसिह को यहां आए भटकल से तहसीन की मुलाकात हुई थी। वह उन दिनों दरभंगा में रह कर पढ़ाई करता था। 21 जनवरी, 2013 को जिले के लहेरियासराय थाने के चकजोहरा से गिरफ्तार मो. दानिश की तहसीन ने ही भटकल से मुलाकात कराई थी। उन लोगों ने दानिश को इंजीनियर बनाने का सपना दिखा कर दहशतगर्द बना दिया। तहसीन की गिरफ्तारी को लेकर एनआइए की टीम दरभंगा और समस्तीपुर में कई बार छापेमारी कर चुकी है बावजूद वह पकड़ से बाहर है।
कई बार मिथिलांचल आ चुका है भटकल
भटकल का मिथिलांचल में आना- जाना साल 2001 से ही शुरू हो गया था। लेकिन वह सुर्खियों में साल 2012 में उस वक़्त आया जब एनएआइ ने दरभंगा के शिवधारा से साइकिल मिस्त्री मो.कफील को गिरफ्तार किया था। उसने भटकल के बारे में सेक्युर्टी एजेंसियों को कई अहम सुराग दिए थे। कफील ने मब्बी थाने के जमालचक गांव में किराए पर मकान ले रखा था। भटकल जब कभी दरभंगा आता था तो उसी घर में ठहरता था।
साल 2001 से 2006 के दौरान भटकल लहेरियासराय थाने के चकचोहरा, महेशपट्टी, सैदनगर, मब्बी के सोभन, शिवधारा आदि जगहों पर भी ठहरा था। एनएआइ की तरफ से लहेरियासराय थाने के चकजोहरा मोहल्ले से पकड़े गए दानिश ने भी खुलासा किया था कि भटकल उसके घर पर दो बार आया था।