दहशतगर्दी और दिफ़ाई इत्तिहाद हिंद-अमरीका पुलिस मुज़ाकरात पर ग़ालिब

दहश्तगर्दी के ख़िलाफ़ जंग और दिफ़ाई इत्तिहाद का क़ियाम हिन्दुस्तान और अमरीका के पुलिस सरबराहान के दो रोज़ा मुज़ाकरात पर ग़ालिब रहेंगे ,जिनका आग़ाज़ चहारशंबे के दिन होगा। हिंद – अमरीका सरबराहान पुलिस की चोटी कान्फ्रेंस का इफ़्तिताह मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे करेंगे जिसका मक़सद दोनों ममालिक के टैक्नालोजी शराकत दारों के लिए दरवाज़े खोल देना होगा।

टैक्नालोजी बेहतर बनाने के लिए एक इदारा जाती मेकानिज़म दोनों ममालिक की टैक्नालोजी में शराकतदारी के ज़रीये क़ायम किया जाएगा ताकि जराइम की तादाद में कमी की जा सके और शहरीयों को ज़िंदगी गुज़ारने के लिए ज़्यादा महफ़ूज़ माहौल फ़राहम किया जा सके।

चोटी कान्फ्रेंस में शिरकत करने वाले दाख़िली सलामती के कलीदी शोबों पर तबादला-ए-ख़्याल करेंगे और दिफ़ाई इत्तिहाद क़ायम करने केलिए आइन्दा तआवुन के इमकानात तलाश करेंगे। टैक्नालोजियों की तासीर और माहिरीन फ़न की महारत की जांच की जाएगी जो पुलिस में बरसर-ए-कार हैं।

मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला के एक अहम ओहदेदार ने कहा कि साइबर सयानत और जराइम की तहक़ीक़ात के बिलकुल दुरुस्त तआवुन के लिए फ़ार नसनक साईंस का इस्तेमाल कान्फ्रेंस का मर्कज़ी मौज़ू होगा। दो रोज़ा चोटी कान्फ्रेंस के दौरान दोनों ममालिक अवामी हलाकतों के वाक़ियात ,बहरी सयानत और नफ़ाज़ क़ानून ( मुसाफ़िर और माल बर्दार बहरी जहाज़ों का तहफ़्फ़ुज़ ( जासूसी ) और शहरी पुलिस की सरगर्मीयों का कमान कंट्रोल पर ग़ौर करेंगे।

अवामी निज़ाम हमल-ओ-नक़ल में नफ़ाज़ क़ानून-ओ-सयानत के लिए क़ानूनी मुदाख़िलत (सुराग़ रसानी )और तहक़ीक़ात ,जराइम की तहक़ीक़ात और फ़ारनसक साईंस के इलावा इजतिमाई पुलिस कार्यवाहीयां कसीर जहती दायरा कार के माहौल पर भी खुल कर बेहस होगी। कान्फ्रेंस में दोनों ममालिक के वफ़ूद शिरकत करेंगे जो बड़े शहरों के सरबराहान पुलिस और उनके टैक्नालोजी शराकत दारों पर मुश्तमिल होंगे।

हिन्दुस्तानी वफ़द में दिल्ली और मुंबई के पुलिस कमिशनर ,जम्मू-कश्मीर और आसाम के डायरेक्टर जनरल पुलिस ,नियम फ़ौजी फ़ोरसीज़ के सरबराह और दीगर ओहदेदार शामिल होंगे। मर्कज़ी महिकमा दाख़िला का एक वफ़द जिसकी क़ियादत मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे कर रहे थे ,मई 2013 में अमरीका का दौरा करचुका है ताकि दाख़िली सलामती के मुख़्तलिफ़ मसाइल पर तबादले ख़्याल किया जा सके।

तबादला-ए-ख़्याल का मर्कज़ी मौज़ू नफ़ाज़ क़ानून महिकमों के दरमियान जिन का ताल्लुक़ दोनों ममालिक से हैं बाहमी तआवुन था । हिन्दुस्तान ने तजवीज़ पेश की थी कि सरबराहान पुलिस की एक चोटी कान्फ्रेंस नई दिल्ली में मुनाक़िद की जाये ताकि कामयाबी ,बेहतरीन कार्यवाईयों और बड़े शहरों में पुलिस की कार्यवाईयों के तनाज़ुर में सीखे हुए सबक़ ,अहम इनफ्रास्ट्रक्चर का तहफ़्फ़ुज़ ,साइबर सयानत और दाख़िली सलामती से मुताल्लिक़ दीगर मामलात पर बाहमी तबादले ख़्याल किया जा सके।

मौजूदा हिंद अमरीका पुलिस मुज़ाकरात इसी तजवीज़ का तसलसुल हैं। उनके नतीजे में दोनों ममालिक की पुलिस के दरमियान रवाबित में इज़ाफे का इमकान है।