रियाद, 17 फरवरी : ( ए एफ पी ) सऊदी अरब के एक सीनीयर ओहदेदार ने सलामती पर मुनाक़िदा आलमी कान्फ्रेंस से कहा कि दहशतगर्दी के ख़िलाफ़ मुत्तहदा जद्द-ओ-जहद करने की ज़रूरत है । ये ख़तरा हनूज़ बरक़रार है इससे निपटने के लिये आलमी तआवुन ज़रूरी है ।
दो रोज़ा आलमी कान्फ्रेंस का इफ़्तेताह करने के बाद मंदूबीन से ख़िताब करते हुए वज़ारत ए ख़ारेजा सऊदी अरब के ओहदेदार शहज़ादा तुर्की बिन मुहम्मद अलसावद ने कहा कि हमको इस ख़तरे का ख़ातमा करने के लिये तमाम तरीकों को इस्तेमाल करना होगा ।
तमाम सतहों पर मुक़ामी , इलाक़ाई और बैन उल-अक़वामी सतह पर इस ख़तरा को जड़ से निकाल फेंक दिया जाये । दहशतगर्दी तमाम के लिये ख़तरा है । इससे कोई महफ़ूज़ नहीं है । शहज़ादा तुर्की ने कहा कि आलमी सतह पर एक दूसरे के तआवुन के ज़रीया दहशतगर्द मंसूबों को नाकाम बनाया जा सकता है ।
रियाद में मुनाक़िद हो रही आलमी कान्फ्रेंस में 50 मुल्कों के नुमाइंदों ने शिरकत की है । ये कान्फ्रेंस अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के तआवुन से मुनाक़िद हो रही है । 2005 में सऊदी अरब ने अपने दार-उल-हकूमत को इंटरनैशनल इन्सेदाद-ए-दहशतगर्दी का मर्कज़ बनाने की तजवीज़ रखी थी ।
इस तजवीज़ को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा जनरल सेक्रेटरी की जानिब से सितंबर 2011 में मंज़ूरी दी गई । रियाद ने 10 मिलियन अमेरीकी डालर की लागत से 3 साल के लिये इस मर्कज़ को माली इमदाद देने का अहद किया है ।