जुमे की नमाज के दौरान रांची की मुखतलिफ़ मस्जिदों से दहशतगर्दी के खिलाफ पैगाम दिया गया। इकरा मस्जिद में मौलाना ओबेदुल्लाह कासमी ने कहा के हमारे रसूल और कुरान दहशतगर्दै की इजाजत नहीं देता। हर जमाने में फिरका में दहशतगर्दी के लोग हैं उससे हमे दूर ही रहना चाहिए। राम के जमाने में भी रावण जैसे लोग थे। नौजवानों को खास तौर पर कहा के ये नौजवान की जिम्मेद्दारी है की अपने मुहल्ले और लौजों में नज़र रखे। और ऐसे लोगों की शिनाख्त करे जो दहशत गर्दी में मौलूस हैं।
तसलीम महल में मुनक्कीद उलेमाओं और खतीबों की मुश्तरका बैठक में ये फैसला लिया गया की हर मस्जिदों में भी तक़रीर के दौरान इस मौजू पर तक़रीर किया जाये। इसके अलावा 10 नवंबर को तमाम मजाहिब कोन्फ्रेंस होगा। बैठक में मुक़र्ररीन ने कहा कि इसलाम में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है। बैठक में मौलाना असगर मिसबाही, डॉ उबैदुल्लाह कासमी, डॉ असलम परवेज, मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, मौलाना तलहा नदवी, मुफ्ती अनवर कासमी, मौलाना युसुफ, मौलाना जसीम, कारी अयूब, मौलाना तहजीबुल हसन, मौलाना राशिद, मौलाना उबैद कासमी, मौलाना जावेद, हाफिज शमीम वगैरह मौजूद थे।