अमेरिका के दौरे पर पहुंचे वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान दहशतगर्दों का गढ़ है। व्हाइट हाउस में अमेरिकी सदर बराक ओबामा से मुलाकात के बाद पीएम के इस बयान को देखते पाकिस्तानी हममंसब नवाज शरीफ के साथ इतवार को दोनों की बैठक की उम्मीदें कम होती दिख रही हैं।
जुमे के दिन मनमोहन और ओबामा ने दोनों मुल्क के बीच पांच साल पहले हुए सिवीलीयन न्यूक्लीयर की अड़चनो पर भी तबाद्ला ख्याल किया । ओबामा ने हिंदुस्तान पाकिस्तान के रिश्तो को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे कोशिशों पर मनमोहन सिंह की तारीफ की।
व्हाइट हाउस में वज़ ए आज़म के साथ वज़ीर ए खारेज़ा सलमान खुर्शीद, कौमी सलामती के मुशीर शिवशंकर मेनन, सेक्रेटरी खारेज़ा सुजाता सिंह और स्फीर निरुपमा राव भी शामिल थीं। जुमेरात को जम्मू के नजदीक हुए दोहरे दहशतगर्द हमलों को देखते हुए मनमोहन को भरोसा है कि वह पाकिस्तानी जमीन से हिंदुस्तान के खिलाफ चल रही दहशतगर्दी सरगर्मियों पर हिंदुस्तान की फिक्र ज़ाहिर कर पाएं। साथ ही, दंगे के लिए जिम्मेदार लोगों और तंज़ीमों पर लगाम कसने के लिए इस्लामाबाद की तरफ से ठोस कदम उठाने की जरूरत भी साफ कर पाए। बैठक में कारोबार के इलावा अमेरिका के सख्त इमीग्रेशन कवानीन पर भी चर्चा हुई, जिसकी वजह से आइटी पेशवरों पर असर पड़ रहा है।
ओबामा के साथ बैठक के बाद मनमोहन ने उम्मीद जताई कि हिंदुस्तान के पड़ोसी मुल्कों को दहशतगर्द फैलाने में इस्तेमाल होने वाले हथियार मिलने कम हो जाएंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अब भी न्यूयॉर्क में शरीफ से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि ओबामा से मुलाकात के दौरान अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत पूरे इलाके के मौजूदा हालात पर गुफ्तुगू हुई। उन्होंने ओबामा को हकायक के साथ बताया कि पाकिस्तान के दहशतगर्द का गढ़ बने रहने के सबब हिंदुस्तान को कैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ओबामा ने कहा कि इजलास में पाकिस्तान और जुनूबी एशिया में पुरअमन तरीके से तनाव करने को लेकर गुफ्तुगू का मौका मिला। हिंद-पाकिस्तान के बीच मदद/ ताउन बढ़ाने को लेकर किए जा रहे लगातार कोशिशों के लिए मनमोहन मुबारकबाद के मुस्तहक हैं |
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