दहशतगर्द तारिक की माइय्यत को एनजीओ ने दफनाया

पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर दस पर एक टॉइलेट में गुजिशता 27 अक्तूबर को हुए धमाके में शदीद तौर से जख्मी मुश्तबा ऐनुल उर्फ तारिक की लाश उसके अहले खाना की तरफ से लिए जाने से इनकार किए जाने पर एक एनजीओ ने आज दफना दिया।

रेल पुलिस सुप्रीटेंडेंट उपेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस की देखरेख में ऐनुल की लाश को दफनाया गया। खानदान के लाश लेने से इनकार किये जाने के बाद पटना के एनजीओ तंजीम अंजुमन रफाए उम्मत ने उसे दफनाया। पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर दस पर वाक़ेय एक टॉइलेट में गुजिशता 27 अक्तूबर को हुए धमाके में शादीद तौर से जख्मी मुश्तबा ऐनुल उर्फ तारिक को इलाज के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में भर्ती कराया गया था, जिसने 31 अक्तूबर को दम तोड दिया था।

सिन्हा ने बताया कि ऐनुल के लाश को लेने के लिए उसके रांची वाक़ेय खानदान से राब्ता किया था। लेकिन उनके लाश लिए जाने से इनकार कर दिए जाने पर दस्तूर के हिसाब से 72 घंटा इंतजार करने करने बाद लाश को दफनाने के लिए एनजीओ अंजुमन रफाए उम्मत के हवाले आज कर दिया गया। ऐनुल के लाश को मजकुरह तंज़िम की तरफ पटना के पीरमोहानी मुहल्ला वाक़ेय कब्रिस्तान में दफनाया गया। ऐनुल के पास मौजूद कुछ टेलीफोन नंबर और दस्तावेज से पुलिस को दहशतगर्दी सरगरमियों के बारे में अहम जानकारी मिली थी।