हर कोई यासीन भटकल की गिरफ्तारी पर सियासत कर रहा है | महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सदर राज ठाकरे भी भटकल की गिरफ्तारी को लेकर सियासत के मैदान में उतर आए हैं | राज ठाकरे ने कहा कि दहशतगर्द बिहार में ही क्यों पकड़े जाते हैं | उनका बयान भी कमाल फारूकी से जुदा नहीं है | फर्क सिर्फ इतना है फारूकी की नजर मुस्लिम वोटों पर है, तो राज ठाकरे की नजर मराठा वोटों पर| उधर बीजेपी लीडर सुशील कुमार मोदी ने भी बिहार सरकार पर निशाना लगाते हुए भटकल पर नीतीश की चुप्पी पर सवाल उठाए |
इंडियन मुजाहिदीन का दहशतगर्द यासीन भटकल गिरफ्तार क्या हुआ, सियासी पार्टियों को अपनी सियासत चमकाने का मौका मिल गया | यासीन भटकल की गिरफ्तारी बिहार से हुई, इस खबर के बाद राज ठाकरे को बिहार के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया |
ठाणे में पार्टी कारकुनो से खिताब करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि यासीन भटकल जैसे दहशतगर्द बिहार में ही क्यों मिलते हैं?
राज ठाकरे ने कहा, पूरे मुल्क के लोग मुझे गाली देते थे, मुझ पर तब्सिरा करते थे, भटकल मिला कहाँ ? बिहार में | मुझे लोग गाली देते थे मुझ पर तब्सिरे करते थे कि राज ठाकरे को दूसरे मौजू पर बोलने के लिए मिलता नही है| वहीं (बिहार में ही) क्यों मिलते हैं ये ? क्या वहां कोई कॉलेज है, मुल्ज़िमो को फ्री एडमिशन है |
नालंदा यूनिवर्सिटी बिहार में है ये मुझे मालूम था, लेकिन ये दूसरी कौन सी यूनिवर्सिटी है?
नफरत और बंटवारे की सियासत को राज ठाकरे ने अपना सियासी हथियार बना रखा है| महाराष्ट्र और खासकर मुंबई में बाहरी लोगों पर निशाना साधकर वोट बटोरना राज ठाकरे की सियासत का पुराना अंदाज है| कभी रेप और दूसरे जुर्म के लिए बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराना तो कभी नौकरियों से नार्थ इंडियंस को निकाल बाहर करने जैसे भड़काऊ बयान देकर राज ठाकरे लोगों के मन में नफरत और खौफ का माहौल पैदा करते रहे हैं |
——बशुक्रिया: पल-पल इंडिया