दहश्तगर्दी का केस: तहसीन अख़तर और ज़िया उल रहमान बरी

नई दिल्ली 27 फ़रवरी: इंडियन मुजाहिदीन (आई एम) तहसीन अख़तर और ज़िया उल रहमान को दिल्ली की एक अदालत ने क़ौमी दारुल हुकूमत में हमले अंजाम देने के लिए दहश्तगर्द ग्रुप की साज़िश से मुताल्लिक़ एक केस में इल्ज़ामात मन्सूबा से बरी कर दिया। अख़तर जिसे शरीक बानी आई ऐम यासीन भटकल की गिरफ़्तारी के बाद आई ऐम इंडिया चीफ़ समझा जा रहा था, और पाकिस्तानी शहरी ज़िया उल रहमान उर्फ़ विक़ास को उनके ख़िलाफ़ सबूत के सबब अदालत में बरी कर दिया है।

अदालत ने क़ानून इंसिदाद गै़रक़ानूनी सरगर्मीयां, क़ानून धमाको की मुख़्तलिफ़ दफ़आत और आईपीसी के सेक्शन 120-B (मुजरिमाना साज़िश) के तहत 5 मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ इल्ज़ामात वज़ा किए हैं। ये 5 मुल्ज़िमीन सय्यद मक़बूल, इमरान ख़ान, असद ख़ान, सय्यद फ़िरोज़ और इर्फ़ान मुस्तफ़ा हैं जिन्हें ट्रायल से गुज़रना होगा हालाँकि इन मुल्ज़िमीन ने अपने ख़िलाफ़-ए-वज़ा इल्ज़ामात पर बेक़सूर होने का दावा किया है। अदालत ने इस मुआमले को सबूत की कलमबंदी के लिए 28 मार्च पर डाल दिया है।