जुनूबी एशिया में बढ़ती हुई दहश्तगर्दी के पेश नज़र हुकूमत ने आज कहा कि इलाक़ाई ममालिक के दरमियान दहश्तगर्दी की बेख़कनी केलिए मुख़लिसाना तआवुन ज़रूरी है ।
मर्कज़ी वज़ीर बराए फ़रोग़ इंसानी वसाइल एम एम पल्लम राजू ने कहा कि दुनिया की तवज्जु इस इलाक़ा पर मर्कूज़ है क्योकि ये इलाक़ा दहश्तगर्दी का मर्कज़ बन गया है ।
रोज़ाना सौ से ज़्यादा बेक़सूर लोग की जानें दहश्तगर्दी की नज़र होजाती हैं । हमें इस बात को यक़ीनी बनाना ज़रूरी है कि दहश्तगर्दी के साथ निमटने में दुहरे मीआर इख़तियार ना किए जाएं ।
उन्होंने कहा कि जो अफ़राद दहश्तगर्दी का प्रोपगंडा करते हैं वही अक्सर इस के बदतरीन मुतास्सिर साबित होते हैं। हमें इस लानत की बेख़कनी केलिए मुख़लिसाना तआवुन की ज़रूरत है ।
इस सिलसिले में साबिक़ मुआहिदा मुफ़ाहमत जो वज़ारत-ए-दिफ़ा की तरफ से किया गया था सार्क ममालिक केलिए इक़दामात की तजवीज़ पेश करचुका है।