दहश्तगर्द हमले , हुकूमत पर बदनुमा दाग़:वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम

मुल्क में चंद ग्रुप बम बनाने के अहल । एहितजाजी मुज़ाहिरों से निमटने केलिए बेहतर तरीका-ए-कार ज़रूरी
नई दिल्ली । 15 सितंबर (पी टी आई) मुंबई और दिल्ली में हालिया दो बम धमाकों को हुकूमत के दामन पर बदनुमा दाग़ क़रार देते हुए वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम ने आज कहा कि कई देसी साख़ता दहश्तगर्द मुल्क भर में सरगर्म हैं। इन में से कई दहश्तगर्द ग्रुपस ने बम बनाने की सलाहीयत और गुंजाइश भी हासिल करली है। मलिक के आला पुलिस ओहदेदारों के इजलास से ख़िताब करते हुए पी चिदम़्बरम ने कहा कि दहश्तगर्द हमलों में हिंदूस्तान के ही ग्रुप मुलव्वस हैं। ऐसा मालूम होता हीका इन दहश्तगरदों ने अपनी सफ़ में नौजवानों को भर्ती करते हुए उन्हें मुश्तइल करके इन्क़िलाबी बनादिया है। इन ग्रुपस में से कई ने बम बनाने का तरीक़ा और गुंजाइश भी हासिल करली है। वज़ीर-ए-दाख़िला ने कहा कि इन ग्रुपस में से चंद इंडियन मुजाहिदीन जैसी तंज़ीम के तहत काम कररहे हैं और इस में कई कैडरस ममनूआ स्टूडैंटस इस्लामिक मूवमैंट आफ़ इंडिया (सैमी) के क़दीम कारकुन भी हैं, जिन्हों ने ख़ुद को इंडियन मुजाहिदीन कैडरस में तबदील करदिया है। इन के इलावा दीगर हिंदूस्तानी ग्रुपस में दाएं बाज़ू की इंतिहा-ए-पसंद और बुनियाद परस्त या अलहिदगी पसंद तंज़ीमें हैं। चिदम़्बरम ने नई दिल्ली में डी जी पेज और आई जी पेज की 3 रोज़ा सालाना कान्फ़्रैंस का इफ़्तिताह किया। ये कान्फ़्रैंस अनटलीजनस ब्यूरो ने मुनाक़िद की है। चिदम़्बरम ने 13 जुलाई मुंबई और 7 सितंबर को नई दिल्ली में हुए बम धमाकों का हवाला देते हुए कहा कि दो माह के अंदर दो दहश्तगर्द हमले हमारे रिकार्ड पर बिलाशुबा बदनुमा दाग़ हैं। मर्कज़ी हुकूमत और सीकोरीटी फोर्सेस पर शदीद तन्क़ीदें एक फ़ित्री अमर है। हम इन वाक़ियात केलिए अपनी ज़िम्मेदारी तस्लीम करते हैं और जायज़ तन्क़ीदें क़बूल करते हैं। हमारा फ़रीज़ा हीका हम इस तनाज़ुर में सीकोरीटी इंतिज़ामात करें कि जिस तरह के दहश्तगर्द हमले होरहे हैं। वज़ीर-ए-दाख़िला ने मज़ीद कहा कि अमरीका के बिशमोल दुनिया में कोई मुल़्क दहश्तगर्दी से महफ़ूज़ नहीं है। दहश्तगर्दी का ख़ातमा करने केलिए हर मुल़्क कोशां है। इस लानत से इराक़, अफ़्ग़ानिस्तान और पाकिस्तान शदीद मुतास्सिर हैं। अवामी एहतिजाज के बारे में उन्हों ने कहा कि मुल़्क की सीकोरीटी को बेहतर बनाने केलिए मर्कज़ ने पुलिस फ़ोर्स को हिदायत दी हीका वो अवामी एहतिजाज से निमटने केलिए इंसानी मयारात को मल्हूज़ रखे। सियोल नाफ़रमानी पर क़ाबू पाने केलिए ग़ैर मोहलिक तरीका-ए-कार इख़तियार किया जाय। संगबारी के वाक़ियात को रोकने केलिए भी बेहतर तरीक़ा इख़तियार किया जाना चाहीए। एक खुले आज़ाद मुआशरा में एहतिजाज का हक़ बुनियादी हुक़ूक़ का हिस्सा है। हम को ये यक़ीनी बनाना होगा कि इस तरह के एहतिजाज तशद्दुद का रुख इख़तियार ना करें। अवामी एहतिजाज से निमटने केलिए पुलिस फ़ोर्स को पुरअमन तरीक़ा इख़तियार करना होगा।
दिल्ली धमाका मज़ीद दो नौजवान गिरफ़्तार
जम्मू 15 सितंबर ( पी टी आई ) दिल्ली हाइकोर्ट बम धमाका केस में मज़ीद दो अफ़राद को कटशवार में गिरफ़्तार करलिया गयाहै जिन्हों ने मुबय्यना तौर पर सात सितंबर को हुए हमला से तीन दिन क़बल ई मेल का मुसव्वदा तैय्यार करलिया था और ये मुसव्वदा उन्हों ने दो स्कूली तलबा को दिया था जिन्हें पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है । सरकारी ज़राए ने बताया कि हिलाल अमीन और आमिर अब्बास को गिरफ़्तार किया गया है जो हरकत उल-जिहाद इस्लामी के मुश्तबा वर्कर्स हैं । उन्हें गिरफ़्तार करलिया गया है और मुख़्तलिफ़ सीकीवरीटी एजैंसीयों का अमला उन से शिद्दत से पूछताछ कर रहा है । आज रात देर गए उजलत में तलब करदा एक प्रैस कान्फ़्रैंस में इन आ:य ए के सरबराह एससी सिन्हा ने कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट धमाकों का मुआमला बहुत पेचीदा है । उन्हों ने कहा कि इस के ताल्लुक़ से कोई भी इत्तिला शाय की जाती है तो इस से मुस्तक़बिल में तहक़ीक़ात पर असर होसकता है । उन्हों ने कहा कि तहक़ीक़ात के ताल्लुक़ से अब तक ज़राए इबलाग़ में जो कुछ शाय हुआ है वो क़ियास आराईयों पर मबनी है और इस की तरदीद की जाती है । कहा गया है कि आमिर अब्बास ने ये ई मेल धमाकों से तीन दिन क़बल स्कूली बच्चों शार्क़ अहमद और आबिद हुसैन को दिया था जबकि अमीन के ताल्लुक़ से कहा गया है कि इस ने वो ई मेल तैय्यार करने में मदद दी थी जो धमाकों के बाद ज़राए इबलाग़ के इदारों को रवाना किया गया था । दिल्ली धमाका के सिलसिला में हालाँकि अब तक कोई वाज़िह सुराग़ दस्तयाब नहीं होसका है ताहम ज़राए का कहना है कि आज गिरफ़्तार शूदा दो अफ़राद इस कार्रवाई के पसेपर्दा बड़ी साज़िश का हिस्सा होसकते हैं। कहा गया है कि कल गिरफ़्तार किए गए दो स्कूली बच्चों से मुकम्मल पूछताछ के बाद इन दोनों की गिरफ़्तारी अमल में आई है और उन पर शुबा है कि वो दूसरे नौजवानों को अस्करी तंज़ीमों में शामिल होने की तरग़ीब दिया करते थे ।