वफ़ाक़ी हुकूमत दाइश के ख़िलाफ़ जंग में अपने बारह सौ फ़ौजी भेजना चाहती है। आज काबीना ने इस फ़ौजी मिशन की इजाज़त दे दी है जबकि पार्लीमान से इस की मंज़ूरी अभी बाक़ी है। जर्मन फ़ौज का ये सबसे बड़ा ग़ैर मुल्की मिशन होगा।
जर्मन मीडिया के मुताबिक़ ये एक जंगी मिशन है, जिसकी मंसूबा बंदी जर्मन चांसलर एंजिला मीरकल और उनके वुज़रा कर रहे हैं। इस फ़ौजी में मिशन में टोरनाडो जासूस तैयारे, फ़्यूलिंग तैयारे, एक फ्रेगेट और इलाक़े में बारह सौ तक जर्मन फ़ौजी तैनात किए जाएंगे, जो दाइश के ख़िलाफ़ फ़्रांसीसी फ़ौज को मदद फ़राहम करेंगे।
जर्मन वज़ीरे दिफ़ा लाईन की तरफ़ से इस मंसूबे का दिफ़ा करते हुए कहना था, सबसे बुनियादी चीज़ ये है कि असद हुकूमत और इस के मातहत फ़ौजीयों के साथ किसी किस्म का भी कोई तआवुन नहीं किया जाएगा।
लेकिन उनका ये भी कहना था कि शाम में तवीलुल मुद्दती हल में इन अनासिर की शमूलीयत ख़ारिज अज़ इम्कान क़रार नहीं दी जा सकती, जो फ़िलहाल असद हुकूमत के साथ हैं, हमें शामी रियासत को तबाह होने से बचाना होगा।