अक़वामे मुत्तहिदा का कहना है कि इराक़ में आम शहरीयों के ख़िलाफ़ पुर तशद्दुद कार्यवाहीयां जारी है और जनवरी 2014 से अक्तूबर 2015 के दौरान तशद्दुद की इस लहर में कम से कम 18 हज़ार आठ सौ अफ़राद हलाक हो चुके हैं।
मंगल को जारी होने वाली रिपोर्ट के मुताबिक़ इस अर्से के दौरान 32 लाख अफ़राद को आरिज़ी तौर पर नक़्ले मकानी करना पड़ी। अक़वामे मुत्तहिदा ने इराक़ में बढ़ते हुए तशद्दुद का ज़िम्मेदार शिद्दत पसंद तंज़ीम दौलते इस्लामीया को ठहराया है और कहा है कि दौलते इस्लामीया ने 3500 ख़वातीन और बच्चों को ग़ुलाम बनाया।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख़्तलिफ़ धड़ों में शामिल जंगजू, फ़ौजीयों और कुर्द अफ़्वाज भी मुबैयना तौर पर ज़्यादतियों में मुलव्विस रहे हैं।