नई दिल्ली, २७ नवंबर: सुप्रीम कोर्ट ने पीर के दिन अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की वालिदा और बहन की मुंबई में वाक़े जायदादों को जब्त किए जाने पर रोक लगा दी। अपेक्स कोर्ट ने इस मुद्दे पर दायर की हुई दर्खास्त पर मरकज़ी हुकूमत को नोटिस भी जारी किया है।
जस्टिस टीएस ठाकुर व जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला की बेंच ने दाऊद की वालिदा अमीना बी (मरहूमा, दर्खास्त उनकी कानूनी नुमाइंदा) और बहन हसीना इब्राहिम पारकर की ओर से रिहायशी जायदादों को जब्त करने के खिलाफ दायर की हुई दरखास्त पर मरकज़ी हुकूमत से जवाब तलब किया।
दोनों ख्वातीनो के नाम पर कुछ सात रिहायशी जायदादें हैं। इनमें से दो वालिदा के नाम पर और पांच बहन के नाम पर हैं। इन जायदादों की कीमत कई करोड़ की है जो मुबय्यना तौर पर दाऊद ने जुटाई थीं। सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर दिल्ली हाईकोर्ट के उस हुक्म को चुनौती दी गई है जिसमें वालिदा और बहन की ओर से दायर की हुई दरखास्तों को खारिज कर दिया गया था।
हाईकोर्ट में भी उन्होंने मुंबई में जायदादों को तस्करी व बैरूनी रक्मो में घपलेबाजी के ऐक्ट एसए फेमा के तहत जब्त करने के हुक्म को चुनौती दी थी। दरखास्त में गुजारिश की गई है कि उन्हें इस मुताल्लिक में कोई नोटिस नहीं जारी किया गया और जुनूबी मुंबई, नागपाड़ा में वाकेय् ( स्थित) जायदादों को जब्त करने की कार्यवाही पूरी तरह से गैरकानूनी है। उन्हें इन ताल्लुक में नए सिरे से नोटिस किया जाना चाहिए क्योंकि जब्ती का नोटिस एसए फेमा के तहत 14 जुलाई, 1998 को जारी किया गया था।