सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन लोगों पर मुजरिमाना मामलों में इल्ज़ाम तय हो चुके हैं उन्हें वज़ीर नहीं बनना चाहिए हालींकि वज़ीर बनाना पीएम का खुसूसी इख्तेयारात है |
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वज़ीर ए आज़म और CMs को मुजरिमाना पस मंज़र वाले लोगों को अपने कैबिनेट में शामिल नहीं करना चाहिए| करप्शन और गैर इख्लाकी कामो में मुलव्वस और कानून की खिलाफवर्जी करने वालों को वुजराओं के तौर अपने फर्ज़ का चार्ज सम्भालने की इज़ाज़त नहीं दी जानी चाहिए|
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सलाह देते हुए कहा है कि आईन वज़ीर ए आज़म और CMs में गहरा अकीदा / यकीन रखता है और उनसे उम्मीद करता है कि वे जिम्मेदारी के साथ और आईनी तर्ज़ ए अमल के मुताबिक सुलूक करेंगे|
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला मनोज नरूला के दरखास्त पर सुनाया| नरूला ने दरखास्त दायर कर कैबिनेट से मुजरिमाना पस ए मंज़र वाले वुजराओं को हटाने की मांग की थी | इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला देने से मना कर दिया है लेकिन साथ में पीएम को कुछ सला दी है|
आपको बता दें कि मोदी की हुकूमत में 14 ऐसे वज़ीर हैं, जिन पर मुजरिमाना मामले दर्ज हैं|
Union Water Resources Minister उमा भारती के खिलाफ 13 केस दर्ज हैं, इनमें से छह दंगों से जुड़े हुए हैं, जबकि दो कत्ल से मुताल्लिक हैं|
Transport Minister नितिन गडकरी के खिलाफ चार केस दर्ज हैं, जिनमें से एक मामला धमकी देने का और दो गैरकानूनी तरीके से जमा होने से मुताल्लिक हैं|
Rural Development Minister उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ चार केस दर्ज हैं| कुशवाहा के खिलाफ दर्ज मामलों में से एक मामला रिश्वत मांगने से जुड़ा हुआ है|
कंज़्यूमर मामलों के वज़ीर राव साहेब दादाराव दांवे पर चार केस दर्ज हैं| इनमें से दो मामले दंगों से जुड़े हुए और दो हमला करने को लेकर है|
इनके अलावा डॉ हर्षवर्धन, धर्मेंद्र प्रधान, जनरल वीके सिंह, जुअल ओरांव, मेनका गांधी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर, रामविलास पासवान, संजीव कुमार बालयान भी मौजूदा हुकूमत के ऐसे वज़ीर हैं, जिन पर केस दर्ज हैं |