दाढ़ी बढ़ाने नहीं देते तो छोड़ दो नौकरी, दारुल उलूम का एयरफोर्स अधिकारी को सलाह

देवबंद: इंडियन एयरफोर्स (IAF) के लिए काम कर रहे एक मुस्लिम अधिकारी के फतवे के जवाब में दारुल उलूम देवबंद ने सलाह दी है कि अगर एयरफोर्स में काम करने के लिए उसे दाढ़ी बढ़ाने नहीं दी जारी तो उसको नौकरी छोड़ देनी चाहिए.

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जनसत्ता के अनुसार, एयरफोर्स में काम करने वाले एक मुस्लिम शख्स ने मदरसे के वेबसाइट पर राय मांगी थी, की ‘मैंने उस उम्र में एयरफोर्स ज्वाइन किया था जब मेरी दाढ़ी नहीं आई थी. यहां काम करते हुए मैंने 10 साल पूरे कर लिए हैं. मुझे लगता है कि इस काम की वजह से ही मैं इस्लाम के ज्यादा पास आ पाया. क्योंकि मैं जगह-जगह घूमता हूं और नए-नए लोगों से मिलता हूं.जिस से इस्लाम की सच्चाई और अच्छाई से वाकिफ हो गया हूँ. अब मैं दाढ़ी रखना चाहता हूं लेकिन एयरफोर्स इसकी इजाजत नहीं देता. मुझे रोज शेव करके जाना पड़ता है. ऐसे में मेरे पास दो रास्ते हैं, या तो मैं बिना किसी सुविधा का फायदा उठाए नौकरी छोड़ दूं या फिर रोज शेव करता रहूं. कृपया मुझे बताएं कि क्या करना सही रहेगा. क्या मुझे नौकरी छोड़ देनी चाहिए ?’ यह सलाह मदरसे की वेबसाइट पर मांगी गई.

जिस के जवाब में वेबसाइट पर दारुल उलम देवबंद मदरसे की तरफ से लिखा गया कि ‘अगर तुम्हारी आर्थिक स्थिति मजबूत है और तुम नौकरी छोड़ने पर भी घर चला सकते हो, तो फिर बिना सोचे नौकरी छोड़ दो. लेकिन अगर आय का दूसरा साधन नहीं है तो फिर काम करते रहो और अपने आपको माफ करने के लिए अल्लाह से तौबा करते रहो, साथ-साथ अपने लायक कोई दूसरी नौकरी भी ढूंढ लो.’ इसके आगे लिखा गया कि एयरफोर्स के नियमों के मुताबिक दाढ़ी रखने पर कोई पाबंदी नहीं है.
आप को बता दें कि भारत के संविधान में अपने धर्म के रिवाजों को मानने की आजादी है.
फतवे में अधिकारी को सलाह दी गई है कि सीनियर अगर नहीं मानते तो फिर उस अधिकारी को कोर्ट जाना चाहिए.

बातचीत में दारुल उलम के वाइस चांसलर मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने बताया कि उनकी तरफ से ही यह सलाह दी गई थी. हालांकि, उन्होंने ज्यादा बातचीत नहीं की.