दाढ़ी रखने के आरोप में “मक्तूम हुसैन” सेना से बर्खास्त

नई दिल्ली: धार्मिक आधार पर दाढ़ी बढ़ाने को लेकर भारतीय सेना से हटाए गए मुस्लिम सैनिक मक्तूम हुसैन न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक देने की तैयारी में हैं, कर्नाटक के 34 वर्षीय मकतोम हुसैन को  ‘अन डेजायरेबल सोलजर’ बताते हुए सेना से हटा दिया गया था।

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू की खबर के अनुसार, मक्तूम हुसैन के वकीलों ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी है। यह मामला 2001 का है। बताया जाता है कि मक्तूम हुसैन ने अपने कमांडिंग अधिकारी (CO) से दाढ़ी बढ़ाने को लेकर मंजूरी मांगी थी। उन्होंने इसके लिए धार्मिक आधार पर जोर दिया था। सीओ ने शुरुआत में उन्हें इसकी अनुमति भी दी थी, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि नियम के अनुसार धर्म के आधार पर केवल सिख सैनिकों को ही दाढ़ी बढ़ाने की अनुमति दी जा सकती है। नियम के तहत सीओ ने बाद में मक्तूम हुसैन को दी गई अनुमति वापस ले ली।

जबकि सेना ने इसे भेदभाव मानते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट में सिद्धांत के खिलाफ अपील की। बताया जाता है कि इसके बाद भी मक्तूम ने दाढ़ी नहीं काटी, जिस पर उसका तबादला पुणे के आदेश अस्पताल कर दिया गया। वहाँ नए सीओ ने भी मक्तूम हुसैन को दाढ़ी काटने को कहा। लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे और उन्होंने इससे साफ इनकार कर दिया। मामले में मक्तूम हुसैन को एक कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था, जिसके बाद उन्हें अनुशासन के तहत 14 दिन के डटेशनपर भेज दिया गया।

जानकारी के अनुसार, युवा ने उसके बाद भी निर्देश का उल्लंघन किया। इसके बाद कार्रवाई करते हुए उसे सेवा से हटा दिया गया और मामले में जांच के बाद ” अन डेजायरेबल सैनिक’ बताया गया। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि जब मुस्लिम सैनिक दाढ़ी रखने की वजह से सेना से हटा दिया गया हो- 2008 में इंडियन एयर फोर्स ज्वाइन करने के चार साल बाद अंसारी आफताब ने दाढ़ी रखने की अनुमति मांगी थी। उन्हें नियमों के अनुसार इसकी अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद अंसारी 40 दिन की छुट्टी पर चले गए और ड्यूटी पर दाढ़ी बढ़ाकर वापस लौटे। अंसारी को आई ए एफ के नियम न मानने के लिए 2008 में नौकरी से निकाल दिया गया।

बताया जाता है कि इसी साल इस मामले में दो याचिकाएं भी दायर की गई। उनमें से एक वायुसेना के कारपोरल मोहम्मद जुबैर ने और दूसरे महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारी मुहम्मद फसीह ने दायर की थी। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय वायुसेना 1 जनवरी 2002 से पहले नामांकन के समय दाढ़ी रखने वाले मुसलमानों को चेहरे पर बाल उगाने की अनुमति देता है। हालांकि इसकी लंबाई और रखरखाव के संबंध में कई नियम भी हैं।