दाढ़ी रखने पर स्कूल ने किया ‘आरिफ’ को दाखिला देने से इंकार

उत्तर प्रदेश: हमारे देश भारत में पैदा हुए हर इंसान के कुछ मौलिक अधिकार हैं जो किसी भी व्यक्ति से कोई नहीं छीन सकता। इन अधिकारों में शिक्षा, इलाज, बोलने आदि के अधिकार शामिल हैं। लेकिन आज के वक़्त में हमारे देश में ऐसी हवा चल रही है कि लोगों को अपने मौलिक अधिकारों को पाने के लिए भी मुसीबतों से दो-चार होना पड़ रहा है।

ऐसा ही मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के मऊ में जहाँ एक बहुत ही होनहार मुस्लिम बच्चे आरिफ मोहम्मद को स्कूल प्रशासन ने सिर्फ इसलिए निकल दिया क्यूंकि आरिफ ने मुस्लिम होने की वजह से दाढ़ी रखी हुई थी।

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अपने साथ हुई इस बेइंसाफी के बारे में बात करते हुए आरिफ ने बताया कि वो CBSE बोर्ड में 9.8 CGPA से पास हुआ है। जिसके बाद वो 11वीं कक्षा में दाखिले के लिए अमृत पब्लिक स्कूल में गया। वहां के स्कूल स्टाफ ने आरिफ फॉर्म देते हुए कहा कि यहां पर दाढ़ी वाला हिसाब नहीं चलेगा अगर यहाँ पढ़ना है तो एडमिशन के बाद आप को दाढ़ी कटवानी पड़ेगी।

इसके बाद स्कूल की तरफ से रखे गए एंट्रेंस टेस्ट में आरिफ को फेल दिखाया गया जबकि उसी के साथ के पढ़ने में कमज़ोर बच्चे पास करदिए गए और उन्हें दाखिला दे दिया गया ऐसे में आरिफ को शक हुआ कि कहीं दाढ़ी के कारण तो उसे नहीं फेल कर दिया गया।

अपने शक को दूर करने के लिए आरिफ स्कूल गया और उसने अपनी आंसर शीट दिखाने के लिए कहा लेकिन मैनजमेंट ने कापी दिखाने से यह कहकर साफ़ इंकार कर दिया कि यहां ऐसा कोई नियम और कानून नहीं है कि किसी को आंसर शीट दिखाई जाए। यहीं से आरिफ को अपने फेल होने की वजह समझ आगयी और उसने जिलाधिकारी से मुख्यमंत्री तक पत्र लिख कर अपनी टेस्ट की उत्तर पुस्तिका दिखाने की मांग की।

वहीं इस पूरे मामले पर प्राईवेट स्कूल एशोसिएशन के अध्यक्ष अरशद जमाल का कहना है कि इसके बारे में स्कूल के मैनेजर से बात की गई है,लेकिन उनका जबाब नहीं आया है। अगर इस बात में सच्चाई पाई गई हम मामले को कानूनी तौर पर सुलझाएंगे और जो उचित कार्यवाही बनती होगी वो कार्रवाही की जाएगी।