न्यूयॉर्क: सिख एडवोकेसी ग्रुप जो कि खास तौर से सिखों के हित के लिए काम करने वाली संस्था है. इसी संस्था के द्वारा जसविंदर की तरफ से टेनेंसी की जिला अदालत में मुकदमा दायर किया है. दायर याचिका में कहा गया है कि जसविंदर सिंह अपनी धार्मिक मान्यता के अनुसार पगड़ी बांधते हैं और दाढ़ी रखते हैं, इसलिए उन्हें नौकरी देने में भेदभाव किया गया.
जागरण के अनुसार, अमेरिका के केंटुकी इलाके में रहने वाले सिख डॉक्टर जसविंदर पाल सिंह ने अमेरिका की मेडिकल ऑर्गनाइजेशन पर आरोप लगाया है कि वह धार्मिक भेदभाव से वशीभूत होकर उन्हें न्यूरोलॉजी से संबंधित नौकरी नहीं दे रहा है. जबकि वह न्यूरोलॉजी के लाइसेंसशुदा और फिजीशियन के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए प्रमाणित चिकित्सक हैं.
सन 2014 की भर्ती प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा गया है कि कंपनी आर्थर मार्शल इंक ने जसविंदर के लुक (पगड़ी और दाढ़ी) को देखते हुए उन्हें नौकरी नहीं दी, जबकि पूर्व में फोन पर हुए इंटरव्यू में कंपनी उन्हें नौकरी देने के लिए तैयार थी. ऑनलाइन फोटो भेजे जाने के बाद कंपनी ने नौकरी देने के लिए ना-नुकुर करनी शुरू की. कंपनी की ओर से प्रस्तावित न्यूरोलॉजी से संबंधित पद अभी भी खाली है.
दायर याचिका में कहा गया है, कि सिख पहचान होने की वजह से जसविंदर को नौकरी नहीं दी गई. यह अमेरिका की धार्मिक भेदभाव न माने जाने और सबके साथ समान व्यवहार करने की नीति के खिलाफ है. याचिका में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए न्याय की मांग की गई है.