दादरी हत्या: अखलाक के परिवार के खिलाफ याचिका पर सुनवाई 23 जून तक स्थगित

नोएडा (उत्तर प्रदेश): नोएडा की एक अदालत ने आज मोहम्मद अखलाक( गौहत्या करने और गौमांस खाने के संदेह में मार दिया गया था ) के परिवार के सदस्यों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग पर सुनवाई स्थगित कर दी।

पुलिस ने अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा कि अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या और पशु क्रूरता के आरोप में ‘कोई एफआईआर’ नहीं दर्ज करायी गयी है |

याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है की वह गोहत्या और पशु क्रूरता के आरोप में अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश दे |

याचिका में दावा किया गया है कि पिछले साल 29 सितंबर को दादरी के बिसेहडा गाँव में दो ग्रामीणों ने देखा था की अखलाक और उनका बेटा दानिश एक बछड़ा को पीट रहे हैं | अखलाक ने कथित तौर पर उन्हें बताया कि बछड़ा लोगों पर हमला कर दिया था इसलिए वह इसे अपने भाई भाई जान मोहम्मद के घर पर बाँधने के लिए ले जा रहे थे | याचिका में एक अन्य ग्रामीण प्रेम सिंह ने कहा कि उसके बाद जब वे अखलाक के घर के पास से गुज़रे तो देखा कि अखलाक़ का भाई जान मोहम्मद जानवर को नीचे लिटाकर  उसका गला काट रहा था |

याचिकाकर्ता के अनुसार, अखलाक को 28सितंबर की रात, कुछ ग्रामीणों ने बड़े ट्रांसफार्मर के पास रोका, जबकि दूसरों  उसके घर पहुंच गये वहां जहाँ पर उन्हें एक बर्तन में मांस के कुछ अवशेष मिले | इसके बाद भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गयी और उन्होंने अखलाक और उनके बेटे दानिश को पीटना शुरू कर दिया और अखलाक की पीट पीट कर मार डाला |

याचिकाकर्ता ने मथुरा फोरेंसिक प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पुलिस द्वारा भेजे गए मांस के नमूने गाय के बछड़े के हैं |

इस बीच, तीन आरोपी श्रीओम हरिओम, और विवेक ने अदालत में ज़मानत के लिए आवेदन किया है जिस पर 20 जून को सुनवाई होने की संभावना है |