दादरी हत्या मामले में सुनवाई 6 जुलाई तक स्थगित

नोएडा (उत्तर प्रदेश): नोएडा में एक अदालत ने नौ महीने पहले परिवार के सदस्यों द्वारा गौ मांस खाने घर में रखने के संदेह में मार दिए गये मोहम्मद अखलाक और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग पर सुनवाई 6 जुलाई तक टाल दी है |

पुलिस ने इससे पहले अदालत में अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा था कि अखलाक के परिवार के खिलाफ गोहत्या और पशु क्रूरता के आरोप में ‘कोई एफआईआर’नहीं दर्ज करायी गयी है |

याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया था की वह गोहत्या और पशु क्रूरता के आरोप में अखलाक के परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को निर्देश दे |

याचिका में दावा किया गया था कि पिछले साल 29 सितंबर को दादरी के बिसेहडा गाँव में दो ग्रामीणों रणवीर और जतन ने देखा था की अखलाक और उनका बेटा दानिश एक बछड़ा को पीट रहे हैं | अखलाक ने कथित तौर पर उन्हें बताया था कि बछड़े ने लोगों पर हमला कर दिया था इसलिए वह इसे अपने भाई जान मोहम्मद के घर पर बाँधने के लिए ले जा रहे थे | याचिका में एक अन्य ग्रामीण प्रेम सिंह ने ने कहा था कि उसके बाद जब वे अखलाक के घर के पास से गुज़रे तो देखा कि अखलाक़ का भाई जान मोहम्मद जानवर को नीचे लिटाकर  उसका गला काट रहा था |

याचिकाकर्ता के अनुसार, अखलाक को 28सितंबर की रात, कुछ ग्रामीणों ने बड़े ट्रांसफार्मर के पास रोका, जबकि दूसरों  उसके घर पहुंच गये वहां जहाँ पर उन्हें एक बर्तन में मांस के कुछ अवशेष मिले | इसके बाद भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गयी और उन्होंने अखलाक और उनके बेटे दानिश को पीटना शुरू कर दिया और अखलाक की पीट पीट कर मार डाला |

याचिकाकर्ता ने मथुरा फोरेंसिक प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पुलिस द्वारा भेजे गए मांस के नमूने गाय के बछड़े के हैं