दामाद को पीए बनाने के तनाजे में घिरे बिहार के सीएम मांझी

बिहार के वजीरे आला जीतनराम मांझी अपने दामाद देवेंद्र कुमार को पीए बनाने के तनाजे में घिर गए हैं। इसके चलते बुध रात देवेंद्र को इस्तीफा देना पड़ा। मीडिया में हो-हल्ला मचने के बाद देवेंद्र ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा वजीरे आला के ज़ाती सेक्रेटरी को भेज दिया है। मांझी के दामाद को पीए और एक और रिश्तेदार को अपने ज़ाती स्टाफ में लेने पर भाजपा ने एतराज़ जताई थी। भाजपा ने वजीरे आला पर तकर्रुरी में दस्तूरुल अमल तोड़ने का इल्ज़ाम लगाया। मांझी ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा कि इस तरह के इल्ज़ाम लगते रहते हैं। यह कोई मुद्दा नहीं है। जब उनसे तकर्रुरी में दस्तूरुल अमल तोड़े जाने की बात कही गई, तो उन्होंने कहा कि वे इसे देखेंगे। वहीं, देवेंद्र ने कहा, “मांझी के 2006 में समाज बोहबुद वज़ीर बनने के बाद से ही वह उनके पीए बन गए थे। अब वे वजीरे आला बन गए हैं, तब तकर्रुरी को लेकर क्यों एतराज़ जताई जा रही है?” हालांकि, साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार ने ऐसी तकर्रुरी की जानकारी से इनकार किया।

जून में हुक्म जारी हो गए थे

इस साल जून में रियासती कैबिनेट सेक्रेटरीयेट महकमा की नोटिफिकेशन के मुताबिक, मांझी ने देवेंद्र कुमार को पीए तकर्रुरी किया था। वजीरे आला के एक और रिश्तेदार सत्येंद्र कुमार को चपरासी के ओहदे पर रखा गया था। ये तकर्रुरी कैबिनेट सेक्रेट्रिएट महकमा के 23 मई, 2000 के हुक्म के खिलाफ हैं। इसमें वज़ीरों के अपने रिश्तेदारों को पीए बनाने पर पाबंद है।