दारुल उलूम देवबंद भारत की गंगा-जमनी तहजीब की अनोखी मिसाल है : न्यायमूर्ति राजेश दयाल खरे

देवबंद: इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति राजेश दयाल खरे ने दारुल उलूम देवबंद का दौरा करके बेहद खुशी जताई और दारुल उलूम देवबंद को भारत की गंगा-जमनी तहजीब की मिसाल बताया है. न्यायमूर्ति ने मोहतमिम दारुल उलूम देवबंद और जमीअत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान दारुल उलूम देवबंद के प्रति अपनी भावनाओं का इज़हार किया.

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बसीरत ऑन लाइन के अनुसार, इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश दयाल खरे ने आज शाम दारुल उलूम देवबंद के अतिथि गृह में पहुंचकर मोहतमिम दारुल उलूम देवबंद के मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी से मुलाकात की. मोहतमिम दारुल उलूम देवबंद मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने उन्हें दारुल उलूम देवबंद के इतिहास और अकाबरीन देवबंद की सेवाओं से अवगत कराते हुए यहां के बोद्धिक और सांस्कृतिक परंपराओं पर प्रकाश डाला और यहाँ के शिक्षा प्रणाली और छात्रों के संबंध में जानकारी दी. जिससे न्यायमूर्ति बेहद प्रभावित हुए और कहा कि उन्होंने दारुल उलूम देवबंद के बारे में बहुत सुना और पढ़ा था लेकिन आज पहली बार यहां आकर महसूस किया कि दारुल उलूम देवबंद के सिलसिले में जो मैंने पढ़ा है या मुझे बताया गया वह बहुत कम था.

उन्होंने दारुल उलूम देवबंद के दौरे को अपनी खुश किस्मती बताते हुए दारुल उलूम देवबंद और उलेमा के सेवाओं के साथ देश की आजादी के लिए दी जाने वाली उनकी अभूतपूर्व बलिदान को देश के इतिहास का महत्त्वपूर्ण अध्याय करार दिया, और कहा कि दारुल उलूम देवबंद और उलेमा के बलिदान देश के लिए गर्व है. उन्होंने कहा कि दारुल उलूम देवबंद भारत की गंगा-जमनी सभ्यता का बेजोड़ कृति है और भारतीय इतिहास का अहम हिस्सा है.

बाद में न्यायाधीश महोदय ने दारुल उलूम देवबंद के प्राचीन और आधुनिक इमारतों को देखने के साथ ऐतिहासिक पुस्तकालय में मौजूद हजारों साल पुरानी ऐतिहासिक किताबों की उपस्थिति पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि दारुल उलूम देवबंद के बौद्धिक सेवाएँ अविस्मरणीय हैं. उन्होंने निर्माणाधीन पुस्तकालय और ख़ूबसूरत मस्जिद रशीद का भी निरीक्षण किया. इस बीच मस्जिद रशीद में जमीअत उलेमा हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी से मुलाकात के दौरान दारुलउलूम देवबंद को देखना अपने लिए खुश किस्मती बताया. मौलाना अरशद मदनी ने भी न्यायमूर्ति राजेश दयाल से कई मिनट तक दारुल उलूम देवबंद और उलेमा देवबंद के हवाले से चर्चा की. इस अवसर पर दारुल उलूम देवबंद की ओर से जस्टिस साहब की सेवा में हिंदी और अंग्रेजी में तारीख दारुल उलूम देवबंद के संदर्भ में रिसालात भेंट की.