दारुल हुकूमत का दर्ज़ हरारत 39.2 डिग्री तक पहुंचा

30 अप्रैल को दारुल हुमकुमत का दर्ज़-ए-हरारत 39.2 डिग्री तक पहुंच गया। इस साल अप्रैल में गुजिशता 10 सालों में चौथी बार कम दर्ज़-ए-हरारत रिकॉर्ड किया गया। 25 अप्रैल 2007 को ज़्यादा से ज़्यादा दर्जे हरारत 29 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था।

2011 में ज़्यादा से ज़्यादा दर्जे हरारत 18 अप्रैल को 37.7 डिग्री रिकार्ड किया गया था। 2013 में अप्रैल में ज़्यादा से ज़्यादा दर्जे हरारत 38.8 डिग्री रहा। 10 साल में अप्रैल का ज़्यादा से ज़्यादा दर्जे हरारत 42.4 डिग्री 18 अप्रैल 2010 को रिकार्ड किया गया था। 10 साल में पांच बार ज़्यादा से ज़्यादा दर्जे हरारत 40 डिग्री के पार रहा। इस साल अप्रैल में दो बार ज़्यादा से ज़्यादा दर्जे हरारत 39 डिग्री के पार रिकॉर्ड किया गया।

बारिश का नहीं होना गैर मामूली : इस साल तीन से चार बार ज़्यादा से ज़्यादा दर्जे हरारत 35 डिग्री के ऊपर रहा, लेकिन बारिश नहीं होना गैर मामूली सुरते हाल है। बीएयू के मौसम साइंस महकमा के सदर डॉ ए बदूद बताते हैं कि हालत गैर मामूली नहीं है। दर्जे हरारत मामूली से एक से दो डिग्री तक ज़्यादा है। हालांकि रांची में 35 डिग्री से ज़्यादा दर्जे हरारत होने पर बारिश होती थी। इस बार लोकल सतह पर बादल नहीं बन रहा है। दो-तीन दिनों में हल्की बारिश हो सकती है।