इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद ने देश के मुसलमानों के लिए फतवा जारी किया है कि अगर कोई भी मुसलमान विग या नकली दाढ़ी लगाकर नमाज अदा करता है तो उसकी नमाज अधूरी मानी जायेगी। दारुल उलूम देवबंद के प्रवक्ता अशरफ उस्मानी का कहना है कि वुजू (नमाज से पहले हाथ और चेहरा धोना) और गुसल (पूरे शरीर की सफाई) दो बेहद अहम धार्मिक काम है। लेकिन विग के कारण पानी सिर की त्वचा को नहीं छू पाता। इससे वुजू और गुसल का पूरा मकसद ही खत्म हो जाता है और शरीर साफ़ नहीं हो पाता और अगर उनके लिए विग्स बेहद जरूरी है,तो वुजू और गुस्ल के समय इस उतार लें और इसके बाद पहनकर नमाज अदा कर लें। संस्था ने कहा कि जिस तरह से जीवनशैली बदल रही है उससे नमाजियों में भी कंफ्यूजन हो रहा है।