आंध्र प्रदेश सियासी बोहरान में फंसता नजर आ रहा है। रियासत के बंटवारे के कांग्रेस के फैसले से नाराज वज़ीर ए आला एन किरण कुमार रेड्डी ने जुमे की रात साफ कर दिया कि वह आंध्र प्रदेश को एक बनाए रखने के लिए वज़ीर ए आला का ओहदा छोड़ने को तैयार हैं। रियासत के कांग्रेस सदर बोत्सा सत्यनारायण और कुछ दूसरे वज़ीर भी इस्तीफा देने का मंसूबा बना रहे हैं। वज़ीर ए आला ने कांग्रेस से रियासत के बंटवारे का फैसला वापस लेने को कहा है। जगन मोहन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस भी मुत्तहदा आंध्र मुद्दे को हवा देने की तैयारी में है।
वज़ीर ए आला किरण रेड्डी ने कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा और उन्होंने आंध्र प्रदेश की तक्सीम करने की मुखालिफत करने वाले लोगों की तरफ से यह मुद्दा उठाने पर दिग्विजय के बार-बार यह दावा करने का मज़ाक उड़ाया कि वे सभी मुद्दों को देखेंगे। एक प्रेस कांफ्रेस में वज़ीर ए आला ने कहा कि दिग्विजय जो कहते हैं, वह एक सियासी बयान है। वह कांग्रेस के मुस्तकिल जनरल सेक्रेटरी नहीं है।
करीब 16 महीने बाद जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद वाईएसआर कांग्रेस के चीफ जगनमोहन रेड्डी भी मुत्तहदा आंध्र प्रदेश के हक में हवा बनाने में लगे हैं। इसके लिए तजवीज लाने के लिए जगन की पार्टी ने विधानसभा के सदर से ऐवान का खुसूसी सेशन बुलाने की मांग की है। वह इसके लिए पीर के रोज़ गवर्नर ईएसएल नरसिम्हन से मुलाकात कर सकते हैं।
इस मुद्दे के जरिये जगन बरसर इक्तेदार ( Ruling) कांग्रेस और अपोजिशन पार्टी तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) को सूबे की सियासत में हासिए पर धकेलना चाहते हैं। जगन ने आंध्र प्रदेश की तक्सीम की मुखलिफत कर रही माकपा और एमआइएम से भी इस मुद्दे पर हामियत मांगी है।
आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के नांदयाल से लोकसभा रुकन एसपीवाई रेड्डी जगन की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। रेड्डी ने जगन से मुलाकात के बाद अपने अपने फैसले का ऐलान किया। उन्होंने याद दिलाई कि जगन ने जेल में रहकर आंध्र प्रदेश को एक बनाए रखने के लिए अनशन किया था।