बर्मिंघम 17 दिसमबर (एजैंसीज़) दीनी मदारिस इस्लाम के क़िले और इशाअत इस्लाम की छाउनयां हैं। इन को बदनाम करने की शदीद मुज़म्मत करते हैं। मनश्शियात और नशे के आदी मुजरिमों की पनाहगाह को मदरसा क़रार देना काबिल-ए-अफ़सोस है। जमात-ए-उलमाए बर्तानिया के मर्कज़ी सैक्रेटरी इत्तिलाआत मौलाना ज़िया उल-हसन तय्यब ने कहा है के मीडीया पर एक मुदरसा नुमा जगह को मदरसा क़रार दे कर मदारिस को बदनाम करना अफ़सोसनाक है।
उन्हों ने कहा कि जिस जगह को मदरसा क़रार दिया जा रहा है इस के बारे में बच्चों के वालदैन ने अपने बच्चों को उन के हवाले किया था ।