दिन में दर्जी, रात में हत्यारा : भारत का सबसे घातक सीरियल किलर पकड़ाया!

भोपाल :भोपाल के बाहरी इलाके में स्थित एक छोटी सी दुकान में आदेश खमारा दिन के वक्त अपनी सिलाई मशीन पर कपड़े सिलता था। रात के वक्त जब वह बिस्तर पर जाता था, तो उसके मन में खौफनाक वारदातों के विचार घुमड़ते रहते थे। इस दौरान शायद उसने खुद को किसी कुल्हाड़ी को धार देते या किसी जल्लाद की तरह फांसी के फंदे की तैयारी करते देखा होगा।

इसके बाद हत्याओं की शुरुआत हुई। यह 2010 के आसपास की बात है। पहली बार महाराष्ट्र के अमरावती और फिर नासिक। इसके बाद तो मानो मध्य प्रदेश में लाशों के मिलने का सिलसिला चल पड़ा। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी कई शव बरामद हुए। इन सभी हत्याओं को एक चीज जोड़ रही थी। वारदात का शिकार हुए सभी लोग या तो ट्रक ड्राइवर थे या फिर उनके सहयोगी। लेकिन किसी ने भी ऐसा नहीं सोचा होगा कि इन बर्बर घटनाओं के पीछे मंडीदीप के एक मिलनसार दर्जी का हाथ हो सकता है।

33 हत्याओं का जिम्मेदार सीरियल किलर
पिछले हफ्ते जब स्थानीय पुलिस ने खमारा को गिरफ्तार किया तो उसके 30 हत्याओं के कबूलनामे से हैरान रह गई। मंगलवार को उसने बताया कि तीन और हत्याओं को उसने अंजाम दिया था। 33 सीरियल हत्याओं के साथ भारत के दुर्दांत हत्यारों में उसका नाम जुड़ गया। इस लिस्ट में 42 लोगों का गला रेतने वाले रमन राघव, निठारी कांड में दोषी सुरेंद्र कोली और कोलकाता का स्टोनमैन जैसे अपराधी शामिल हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘तीन दिन तक पीछा करने के बाद खमारा को एक बहादुर महिला पुलिसकर्मी की बदौलत उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर के एक जंगल से पिछले हफ्ते पकड़ा गया। हत्याओं के बारे में वह इतनी तेजी से बता रहा था कि पुलिस टीम को भी जानकारी जुटाने में मुश्किल उठानी पड़ी। उसके कबूलनामे के बाद कई पड़ोसी राज्यों ने भी अपने बंद पड़े पुराने मामले खोल दिए हैं।’
ताइक्वॉन्डो में ब्लैक बेल्ट और जूडो में एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली सिटी एसपी बिट्टू शर्मा ने खमारा को देर रात बंदूक के बल पर काबू में किया। उस वक्त न तो उन्हें और न ही ट्रक ड्राइवरों की हत्या के दो मामलों में जांच की अगुवाई कर रहे एसपी एल राहुल कुमार को इस बात का अंदेशा था कि भारत का सबसे दुर्दांत सीरियल किलर उनकी गिरफ्त में आ चुका है। एसपी राहुल कुमार ने कहा, ‘यह जीवन में एक बार पता चलने वाला मामला है।’

हत्याओं के सिलसिले में सहआरोपी जयकरन से जब यह पूछा गया कि वे ट्रक ड्राइवरों की ही हत्या क्यों करते थे, तो उसने हंसते हुए कहा कि वह उन्हें मोक्ष दे रहा था। उसने बिना किसी शिकन के साथ हंसते हुए कहा, ‘उनकी जिंदगी काफी कठिन होती है। मैं उन्हें कष्ट से छुटकारा दिलाते हुए मुक्ति के रास्ते पर भेज रहा हूं।’

जब टीओआई की टीम ने मंडीदीप इलाके का दौरा किया, तो दोस्तों और रिश्तेदारों को यह यकीन करना मुश्किल हो गया कि वे एक हैवान के साथ रह रहे थे। एक पड़ोसी ने बताया, ‘वह एक शांत प्रवृत्ति का सभ्य शख्स था। कोई भी यह नहीं मानेगा कि उसके हाथ इतने सारे लोगों के खून से रंगे हुए हैं।’

भोपाल के डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी ने कहा कि 48 वर्षीय खमारा ने अपनी गर्मजोशी और मिलनसार प्रवृत्ति का फायदा ट्रक ड्राइवरों को शिकार बनाने के लिए उठाया होगा। उसके दूसरे साथ लूट को अंजाम देते थे, जबकि वह खुद एक लंबी रस्सी से ड्राइवरों का गला घोंट देता था। कभी-कभी शिकार को मौत की नींद सुलाने के लिए वह जहर का इस्तेमाल करता था।

खमारा का वारदात को अंजाम देने का तरीका भी कंपा देने वाला था। शराब का झांसा देकर वह ट्रक ड्राइवर को फंसाता था। इसके बाद उसमें जहर या नशीली दवा मिलाकर हत्या कर दी जाती थी। पहचान छिपाने के लिए हत्या के बाद वे ट्रक ड्राइवरों के सारे कपड़े उतार देते थे। इसके बाद लाश को किसी पुलिया या पहाड़ी सड़क पर फेंक दिया जाता था। इस वजह से मृतकों के शव मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों तक पहुंच जाते थे और पुलिस वारदात की गुत्थियां सुलझाने में उलझी रहती थी। खमारा से पूछताछ कर रहे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘इस वजह से यह गैंग इतना घातक था। हमें नहीं पता कि तफ्तीश के बाद अभी और कितने बंद पड़े केस खुल सकते हैं।’

जांच में शामिल पुलिस अधिकारियों का कहना है कि खमारा से पूछताछ करना भी काफी बेचैन करने वाला काम है। उसे कोई पछतावा नहीं है। एक पुलिस अफसर ने बताया, ‘जिस भी शख्स की उसने हत्या की है, उस वारदात के बारे में उसे छोटी से छोटी जानकारी याद है। हत्या से पहले आखिरी बार कहां और क्या खाया, क्या कपड़े पहने थे, कहां और कैसे मारा गया और किस जगह पर शव को फेंका गया, यह सब कुछ उसे याद है। उसके द्वारा दी गई जानकारी खून जमा देने वाली है। हत्याओं से पहले शरीर के जिस हिस्से पर हमले का उसने जिक्र किया है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी ठीक वही जगह पता चली है।’

पुलिस को अभी और आश्चर्यजनक खुलासों का पता चल सकता है। खमारा संभवतः अशोक खमारा नाम के दुर्दांत अपराधी से प्रेरित था, जिसे वह अंकल कहकर पुकारता था। 2010 में जब अशोक की गिरफ्तारी हुई थी, तो उसने 100 हत्याओं का सनसनीखेज दावा किया था। यही नहीं ट्रेन से ले जाते वक्त पुलिस को नशीली चीज के जरिए चकमा देकर वह फरार हो गया था। इसके बाद से उसका कोई अता-पता नहीं है।

पाकिस्तान से आया था खमारा समुदाय 
खमारा समुदाय के लोग काफी संगठित तरीके से रहते हैं। समुदाय के लोग मेहनतकश और शिक्षित हैं। इनके वंशज बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आए थे। ऐसे में कुख्यात अशोक खमारा के मामले से वे शर्मसार हैं। अब आदेश खमारा के बारे में खुलासा भी उनके लिए झटका है।

खमारा का एक बेटा स्थानीय निकाय में कर्मचारी है। वहीं उसकी पत्नी और बेटियां भी सदमे में हैं। खमारा के बड़े बेटे शुभम का कहना है, ‘हमें अखबारों के जरिए उनके और हत्याओं के बारे में पता चला। आखिरी बार हमने उन्हें 15 अगस्त को देखा था। उस वक्त वह नागपुर में एक पुराने मामले की सुनवाई के लिए जा रहे थे। हम नहीं जानते कि अब क्या कहें।’