दिफ़ा और सी बी आई के कंप्यूटर्स गैर मुल्की जासूसी के एतबार से मख़दूश

तकरीबन 3 हज़ार इंटरनेट कनेक्शनस बिशमोल विज़ारत-ए-दिफ़ा, दिफ़ाई महिकमों और सी बी आई के इलावा दिल्ली के बैंकों की सूरत-ए-हाल गैर मुल्की मुक़ामात से जासूसी के सिलसिले में मख़दूश हैं। साइबर सयान्ती माहिरीन ने हुकूमत को एक रिपोर्ट पेश की है जिस के बमूजब उन तनज़ीमों के कंप्यूटर्स हैक किए जा चुके हैं।

उनके मोडेम में मख़दूश होने की कैफ़ियत मौजूद है। बैरून मुल्क अफ़राद उनसे मालूमात हासिल करसकते हैं। हिन्दुस्तानी इन्फ़ो सेक कनसोरेशेम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली के 3 हज़ार इंटरनेट कनेक्शनस बिशमोल महिकमा दिफ़ा, सी बी आई और इलेक्शन ऑफीसर्स मख़दूश हालत में हैं।

उन तक बैरून मुल्क के सर्वर्स रसाई हासिल करसकते हैं। एक तफ़सीली रिपोर्ट मर्कज़ी वज़ीर मुवासलात कपिल सिब्बल को पेश की जा चुकी है और उन्होंने बरवक़्त कार्रवाई का तैक़ून‌ दिया है। आई आई सी साइबर सिक्योरिटी तजज़ियाकार जतीन जैन ने कहा कि इस फ़हरिस्त में साउथ बलॉक की विज़ारत-ए-दिफ़ा, राष्ट्रपति भवन की काबीनी मोतमदी के डिप्टी सैक्रेटरी, साउथ बलॉक के C विंग में बहरीया के सरबराह, फ़िज़ाईया का मुवासलाती मर्कज़ वएव भवन, दिल्ली कंटोनमैंट का कंट्रोल आफ़ डीफ़ैंस एकाऊंटस का ज़ोनल ऑफीसर और इनकम टैक्स (तहकीकात) की डायरेक्टोरेट वाक़्य झंडे वालां शामिल हैं।

अवामी मुवासलाती कंपनी के बाज़ कनेक्शनस भी मख़दूश हैं। जैन ने कहा कि कनसोरशेम सयान्ती महिकमों को फ़ौरी कार्रवाई और उनके निज़ामों की इस्लाह के लिए पहले ही रिपोर्ट दे चुका है। आई आई सी 20 हज़ार साइबर सिक्योरिटी माहिरीन का एक ग्रुप है जो हिन्दुस्तान के साइबर दिफ़ा के सिलसिले में सफ़ अव्वल में है और दाख़िली साइबर सयान्ती मसनूआत भी तय्यार करचुका है।