दिलसुखनगर ब्लास्ट केस: यासीन भटकल समेत चार को सज़ा-ए-मौत

प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के पांच सदस्यों को सोमवार को एक विशेष एनआईए अदालत ने फरवरी, 2013 में हैदराबाद विस्फोट के मामले में मौत की सजा सुनाई ।

यह पहला मामला है जिसमें आईएम के किसी भी सदस्य को दोषी करार दिया गया है।

13 दिसंबर को, अदालत ने आईएम के सह-संस्थापक मोहम्मद अहमद सिदिबाबा उर्फ ​​यासीन भटकल, पाकिस्तानी नागरिक जिया-उर-रहमान उर्फ ​​वकास, असदुल्ला अख्तर उर्फ ​​हड्डी, तहसीन  अख्तर उर्फ ​​मोनू और एजाज शेख सहित पांच सदस्यों को, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में चेर्लापल्ली केंद्रीय कारागार में बंद हैं उन्हें दोषी करार दिया था।

21 फरवरी 2013 को दिलसुखनगर में एक भीड़ भरे क्षेत्र में दो घातक विस्फोट में अठारह लोग मारे गए थे और 131 घायल हो गए थे।

इस मामले में मुख्य आरोपी आईएम का संस्थापक रियाज़ भटकल अभी भी फरार है।

अदालत ने भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत यासीन भटकल और दूसरों को दोषी करार दिया।

एनआईए की विशेष अदालत ने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सजा की घोषणा की।