हिन्दी फिल्मों के ही मैन कहलाने वाले धर्मेन्द्र किसी ज़माने में दीगर अदाकारों की तरह दिलीप कुमार के ज़बर्दस्त मद्दाह हुआ करते थे। मनोज कुमार की तरह धर्मेन्द्र भी दिलीप कुमार को ही अपना आईडीयल तस्लीम करते थे।
अलबत्ता जब धर्मेन्द्र को बड़ी फिल्मों में कामयाबी मिली तो वो इस बात के लिए बेचैन थे कि कोई प्रोडयूसर डायरैक्टर उन्हें दिलीप साहब के मुक़ाबिल क्रस्ट करे। 60 की दहाई के आख़िर में जब फ़िल्म आदमी बनाई जा रही थी वहीं फ़िल्म के हीरो दिलीप कुमार के दोस्त के रोल के लिए मुख़्तलिफ़ अदाकारों से राबिता किया गया जिन में धर्मेन्द्र और फ़िरोज़ ख़ान का नाम भी काबिल-ए-ज़िकर है लेकिन क़िस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
दिलीप कुमार के मुक़ाबले मनोज कुमार का इंतिख़ाब किया गया और फ़िल्म ज़बर्दस्त हिट हुई। धर्मेन्द्र को आज भी इस बात का मलाल है। अलबत्ता बंगाली ज़बान में रीलीज़ की गई एक फ़िल्म पारी में दिलीप कुमार और धर्मेन्द्र ने एक साथ काम किया था। धर्मेन्द्र का कहना है कि दिलीप साहब की सेहत अगर अच्छी होती तो वो आज भी उनके साथ काम करने के लिए इतने ही बेचैन हैं जितने कि वो अपने कैरियर के आग़ाज़ में थे।
उन्होंने दुआ की कि दिलीप साहब मुकम्मल सेहत याब होकर एक बार फिर फ़िल्मी दुनिया से वाबस्ता होजाएं। धर्मेन्द्र ने अपने देरीना दोस्त प्राण के इंतिक़ाल पर शदीद अफ्सोस का इज़हार किया।