गौरी तेरे प्यार में के फ्लॉप होजाने के बाद करीना कपूर ने कहा कि हीरोइन के बाद इस फ़िल्म के फ्लॉप होने का उन्हें बेहद अफ़सोस है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वो ऐसा महसूस नहीं करतीं कि उन्होंने अपनी पुरानी फ़िल्म जब दी मेट के अपने गीत के किरदार को दुहराने की कोशिश की है जिस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बाज़ फ़िल्म बीनों को ये ज़रूर महसूस हुआ होगा कि वो करीना कपूर को एक बार फिर गीत के ही किरदार में देख रहे हैं लेकिन कहानी पर ग़ौर किया जाये तो ऐसा महसूस नहीं होगा।
बहरेहाल, ऐसा वक़्त हर अदाकार-ओ-अदाकारा की ज़िंदगी में आता है जब इस पर ये लेबल लग जाता है कि वो अपने किरदारों को दुहरा रहा है दुहरा रही है। शहनशाह जज़बात दिलीप कुमार साहब जो मेरे दादा राज कपूर जी के क़रीब तरीन दोस्त थे, उन पर भी ये लेबल लग गया था कि वो सिर्फ़ अलमिया अदाकारी ही करसकते हैं।
अलमिया अदाकारी करते करते ख़ुद उनकी शख़्सियत बुरी तरह मुतास्सिर हुई थी और वो नफ़सियाती मरीज़ जैसे होगए थे जिस पर उनके ख़ानदानी डाक्टरों ने उन्हें अपनी आइन्दा चंद फिल्मों में हल्के फुल्के मज़ाहिया किरदार अदा करने पर ज़ोर दिया जिस का नतीजा ये हुआ कि दिलीप साहिब ने आज़ाद और कोह-ए-नूर जैसी हिट फिल्मों में काम किया।
अगर मेरे साथ भी ऐसा ही होरहा है तो में पूरी कोशिश करूंगी कि आइन्दा फिल्मों में फ़िल्म बीनों को महसूस ना हो में ख़ुद को दुहरा रही हूँ।