आम आदमी पार्टी हुकूमत असेम्बली इजलास के पहले दिन जिस का आज से आग़ाज़ हुआ है, मुख़ालिफ़ जालसाज़ी जन लोक पाल बिल पेश करने का कोई इमकान नहीं है। जबकि इस बिल की नक़ल अरकाने असेम्बली में पहले ही गशत करवाई जा चुकी है ताकि मुजव्वज़ा क़ानूनसाज़ी का मुताला करने का उन्हें मौक़ा मिल सके।
ये बिल एवान असेम्बली में आज पेश नहीं किया गया। ये सिर्फ़ अरकान में गशत करवाया गया। इमकान है कि उसे कल पेश किया जाएगा। ज़राए के बमूजब चूँकि बिल पेश करने के तरीका-ए-कार में राय दही भी शामिल है, इस लिए कल असेम्बली इजलास में इस के पेश किए जाने का कोई इमकान नहीं है क्योंकि अगर कांग्रेस और बी जे पी इस के ख़िलाफ़ वोट दें तो चीफ़ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल को मुस्ताफ़ी होना पड़ेगा।
मर्कज़ के साथ सफ़ आराई का रास्ता इख़तियार करते हुए आम आदमी पार्टी पहले ही ऐलान करचुकी है कि वो असेम्बली में जन लोक पाल बिल पेश करने की कार्रवाई के लिए पेशरफ़त जारी रखेगी और मर्कज़ी विज़ारते क़ानून की राय का कोई ख़्याल नहीं करेगी जिस के बमूजब मर्कज़ की पेशगी इजाज़त ज़रूरी है।
चीफ़ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल का मौक़िफ़ ये है कि मर्कज़ से पेशगी इजाज़त हासिल करना ज़रूरी नहीं है। जबकि बी जे पी और कांग्रेस का नुक़्ता-ए-नज़र ये है कि कार्रवाई क़वाइद 2002 के तहत एसी मंज़ूरी हासिल करना ज़रूरी है।