गुजिश्ता साल 16 दिसंबर को रुनुमा हुए इजतिमाई इस्मत रेज़ि के जिन चार मुल्ज़िमीन की तौसीक़ होचुकी है उन में अक्षय ठाकुर नामी एक मुल्ज़िम भी शामिल है। जब उसके अरकान ख़ानदान को अदालत का कल फ़ैसला सुनाए जाने के बारे में मालूम हुआ तो वो आबदीदा होगए।
मीडिया अरकान ने जब उनके मकान मौक़ूआ लिहिन कर्मा ज़िला औरंगाबाद पहुंच कर उन्हें बताया कि अदालत ने तमाम चारों मुल्ज़िमीन को क़सूरवार ठहराया है और उनकी सज़ा का कल फ़ैसला सुनाया जाने वाला है तो वो तमाम रो पड़े। ठाकुर के वालिद सरयू सिंह, माँ मालती देवी, बीवी पूनीता देवी, दो साला बेटा और ठाकुर के भाई अभै और विनय ने अपने आप को अपने मकानात में बंद करलिया है क्योंकि वो किसी का सामना करना नहीं चाहते।
मालती देवी आह-ओ-बिका करती हुई नज़र आरही है जहां वो भगवान से प्रार्थना कररही है कि भगवान उसके बेटे( मुल्ज़िम ठाकुर) को मज़ीद ज़िंदा रखे। भगवान ऐसा नहीं करसकता (ठाकुर की जान नहीं ले सकता)। जब मीडिया अरकान ने विनय से बात करने की कोशिश की तो उसने दर्ख़ास्त की कि उसे तन्हा छोड़ दिया जाये क्योंकि वो बात करने के मौक़िफ़ में नहीं है।
वालिद सरयू अस्तिव ने मीडिया को बताया था कि उसे हिंदुस्तानी अदलिया पर पूरा पूरा एतिमाद है लेकिन ये बात भी बहुत तकलीफ़देह है कि अक्षय ने ख़ानदान को इस क़दर बदनाम कर दिया है कि हम श्रम के मारे घर से बाहर निकलने के लिए भी पिस-ओ-पेश कररहे हैं।
बीवी पूनीता देवी जो अपने शौहर की हिफ़ाज़त के लिए तेज तेहवार मना रही है, इस बात पर बजिद है कि उसका शौहर ऐसा घनाउना जुर्म नहीं करसकता। याद रहे कि अक्षय दिल्ली की तिहाड़ जेल में क़ैद है लेकिन उसके वालदैन आज तक मुलाक़ात के लिए नहीं गए।
अक्षय के अरकान ख़ानदान के इलावा गाव के दीगर अफ़राद भी इस बात पर रंजीदा हैं कि कल अदालत ना जाने क्या फ़ैसला सुनाएगी। अक्षय के बचपन के दोस्त और पड़ोसी संतोष मिश्रा ने बताया कि जिस वक़्त अक्षय गाव में रहा करता था वो एक शरीफ़ उलनफ्स और सादा लौह शख़्स था लेकिन दिल्ली जैसे बड़े शहर जाकर वो बिगड़ गया।