दिल्ली हाईकोर्ट कल तहत की अदालत की तरफ से 16 दिसम्बर की इजतिमाई इस्मत रेज़ि-ओ-क़तल मुक़द्दमे में 4 मुजरिमों को सुनाई हुई सज़ाए मौत की तौसीक़ के लिए हाईकोर्ट से रुजू करदा मुक़द्दमे की समाअत करेगी। इस मामले की जस्टिस रीवा खेटरपा की ज़ेर क़ियादत हाईकोर्ट की बेंच करेगी।
13 सितम्बर को मुक़द्दमे के 4 मुजरिमों को सज़ाए मौत सुनाने के बाद एडीशनल सेशन जज योगेश खन्ना ने मुक़द्दमा हाईकोर्ट से रुजू कर दिया था ताकि सज़ाए मौत की तौसीक़ की जा सके। तहत की अदालत सज़ाए मौत की तौसीक़ के लिए हर मुक़द्दमे के फैसले को हाईकोर्ट से रुजू करती है।
चारों मुजरिमों को एक 23 साला लड़की की दरिंदों की तरह रोंघटे खड़े करदेने वाली इस्मत रेज़ि और क़तल का जुर्म साबित होने के बाद सज़ाए मौत सुनाई गई थी। कलीदी मुजरिम राम सिंह मार्च में मुक़द्दमा की समाअत के दौरान ही तिहाड़ जेल के अपने कमरे में फांसी से लटका हुआ पाया गया था। 31 अगस्ट को नाबालिग़ मुजरिम को आज़म तरीन सज़ा तीन साल इस्लाह घर में गुज़ारने की सज़ा सुनाई गई थी।