दिल्ली इजतिमाई इस्मत रेज़ि मुक़द्दमे ,दो मुजरिमों के पेशी वारंट जारी

तमाम मुजरिमों को आज दिल्ली हाईकोर्ट के इजलास पर पेश करने दो रुकनी बेंच की हिदायत
दिल्ली हाईकोर्ट ने सजाए मौत सुनाई हुए चार मुल्ज़िमों को जो दिल्ली में 16 दिसम्बर की इजतिमाई इस्मत रेज़ि और क़तल के मुजरिम क़रार दिए गए हैं और तहत की अदालत ने उन्हें सज़ाए मौत सुनाते हुए उसकी तौसीक़ के लिए मुक़द्दमे हाईकोर्ट से रुजू किया है ,पेश करने के वारंट जारी कर दिए। जस्टिस रावी खीटरा पाल और जस्टिस प्रतिभा रानी ने तिहाड़ जेल के ओहदेदारों को हिदायत दी कि चारों मुजरिमों ,मुकेश ,अक्षय ठाकुर ,पवन गुप्ता और विजय‌ शर्मा को कल इसके इजलास पर पेश किया जाये।

दायाँ कृष्णन ने जिन्हें दुबारा ख़ुसूसी वकील इस्तिग़ासा दिल्ली पुलिस मुक़र्रर किया है ,के बयान पर अदालत ने ये हिदायत जारी की। मुबय्यना तौर पर मुजरिम अपनी सज़ा के ख़िलाफ़ अपील पेश करना चाहते हैं। वकील इस्तिग़ासा ने बेंच के इस्तिफ़सार पर जवाब दाख़िल करते हुए कहा था कि वो जानना चाहते हैं कि क्या मुजरिम तहत की अदालत के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करना चाहते हैं। तहत की अदालत को सज़ाए मौत के हर मामले की तौसीक़ केलिए इसे हाईकोर्ट से रुजू करना ज़रूरी है। तहत की अदालत ने हाईकोर्ट में अपील करने केलिए मुजरिमों को 90 दिन की मोहलत भी दी है। चारों मुजरिमों को सैशन की अदालत ने बे रहमाना इजतिमाई इस्मत रेज़ि और क़तल के जुर्म में उसे एक दरिंदगी का शाहकार और रोंगटे खड़े कर देने वाला वाक़िया क़रार देते हुए मुजरिमों को सज़ाए मौत सुनाई है।

बुनियादी मुजरिम 34 साला राम सिंह गुज़िशता मार्च में तिहाड़ जेल की अपनी कोठरी में फांसी से लटका हुआ दस्तयाब हुआ था। एक नाबालिग़ मुजरिम को बच्चों की अदालत ने इस जुर्म का मुर्तक़िब क़रार देते हुए उसे आज़म तरीन सज़ा तीन साल तक इस्लाह घर में रखने की सज़ा सुनाई है।मुतास्सिरा लड़की ईलाज के दौरान सिंगापुर के एक हस्पताल में 29 दिसम्बर 2012 को अपने ज़ख़मों से जांबर ना होसकी थी।