दिल्ली एमसीडी चुनाव 2017: बीजेपी का नया दांव, मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने का फैसला

शम्स तबरेज़, सियासत न्यूज़ ब्यूरो।
उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के एमसीडी चुनाव में एक नया दांव खेलने जा रही है इसके लिए वो किसी भी पुराने चेहरे को टिकट नहीं देगी और सिर्फ नए चेहरों को एमसीडी में उतारेगी। एमसीडी चुनाव का ऐलान होते ही बीजेपी ने  अपने इस फैसले से भाजपा नेताओं समेत विपक्षी पार्टियों को भी हैरान कर दिया है। जानकारों का मानना है कि बीजेपी पिछले 10 साल से एमसीडी में काबिज़ है और दिल्ली में आम पार्टी की सरकार है, ऐसे में उसको सत्ता विरोधी लहर का सामना पड़ सकता है। हालांकि अरविंद केजरीवाली और उनकी पार्टी बीजेपी के कब्ज़े वाली तीनों एमसीडी को भ्रष्टाचारी साबित करने पर तुली है और एमसीडी के भ्रष्टाचार को अपना चुनावी मुद्दा बना सकती है। ऐसे में बीजेपी ने अपने मौजूदा पार्षदों का टिकट काटकर एक ​बड़ा कदम उठाया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भले ही इस कदम को एक बड़ा चुनावी दांव मान रहे हो लेकिन जैसे इस फैसले के ऐलान के बाद इसकी आंच पार्टी के भीतर महसूस किया जाएगा। इस फैसले को अमल में लाते ही भाजपा के कद्दावर और धाकड़ नेताओं को घर पर बैठना तय है।
मीडिया के सवालो का जवाब देते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी अच्छे और बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतारेगी तथा इसका इस्तेमाल अन्य जगहों पर भी किया जाएगा।
ज्ञात हो कि एमसीडी में 2007 से ही बीजेपी का कब्ज़ा है और एमसीडी के तीन टुकड़े हो जाने के बाद भी बीजेपी का वर्चस्व बरकरार है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के पचंड बहुमत आने के बाद इस बार एमसीडी चुनाव में भाजपा को आप से कड़ी चुनौती मिल सकती है।
इसलिए बीजेपी ने ऐसा दांव चला है, लेकिन लम्बे समय से काबिज़ बीजेपी को भीतरघांत का सामना करना पड़ सकता है। आने वाले 22 अप्रेल को एमसीडी का मतदान है और 25 अप्रेल को इसका परिणाम आने वाला है। अब आने वाला वक्त तय करेगा कि बीजेपी का ये फार्मूला कितना कामयाब होगा।