दिल्ली के साहिल की ‘दास्तान गोई’ ने अहमदाबाद का दिल छू लिया

नई दिल्ली: सैयद साहिल आगा ने जब गुजरात में अहमदाबाद के जीएमडीजी ऑडीटोरियम में “दास्तान गोई” बयान की तो वहां मौजूद करीब 4000 लोगों की खूब वाहवाही लूटी और उसने सबका मन मोह लिया, साहिल ने यह कहानी भारत के पूर्व राष्ट्रपति मिज़ाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम की जीवन के एक विषय पर पढ़ी थी.

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वरिष्ठ पत्रकार खालिद मुस्तफ़ा के मुताबिक़ साहिल आगा ने बताया कि ‘एक समय था जब अद्बुल कलाम की बहन ने उनकी शिक्षा के लिए अपना जेवर तक बेच दिया था और वह दिन जो गुज़रा इस परिवार पर’ जब इस को ‘दास्तान गोई’ में लफ्ज़ों से पिरो कर बताया तो महफ़िल में एक अजीब सी ख़ामोशी छा गई सबकी आंखें नम हो गईं.

अब्दुल कलाम के जीवन का यह रूप कम ही लोगों को पता था. साहिल ने लोगों को कलाम साहब के जीवन की उस यात्रा से रूबरू कराया जिससे लोगों को एक अच्छी प्रेरणा मिल सकती है।

इस ‘दास्तान गोई’ का लोगों पर इतना प्रभाव पड़ा की बहुत से लोग मंच पर आकर रो पड़े और अपने जीवन में उन लम्हों को तलाशने लगे जिस कथन का साहिल ने उल्लेख किया था. जब ‘दास्तान गोई’ पूरी हुई तो लोगों ने उनसे एक और पढ़ने का आग्रह किया तो लोगों की फरमाइश पर साहिल ने एक और दास्तान पढ़ी जिसे “दास्तान हीरो जी” के नाम से जाना जाता है।