नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन एक हलफनामे दाखिल करते हुए उन अधिकारियों के नाम का खुलासा करने में विफलता पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। जबकि इन अधिकारियों पर आरोप है कि राष्ट्रीय राजधानी में दंगे और चकौं गनिया रोकने में पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहे हैं। न्यायमूर्ति एम आर लक्र और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रा चौड होता पीठ ने मंत्री से कहा कि कल तक अपना हलफनामे प्रवेश कर देते हैं और कहा कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आरोप गंभीर हैं। इसलिए 4 अक्टूबर तक हलफनामे दाखिल कर दिया जाए।
सीनियर एडवोकेट दीपक उदय सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री का अनुसरण करते हुए कहा कि हलफनामे सम्मिलित करने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी जाए जिस पर अदालत ने कहा कि लोग मर रहे हैं और आप 24 घंटे की जरूरत है? हालांकि सालीटर जनरल रंजीत कुमार ने भी दिल्ली के सचिव स्वास्थ्य से हलफनामे सम्मिलित करने के लिए अदालत से मोहलत मांगी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला कल तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले अदालत ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के इन आरोपों पर गंभीर आपत्ति की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में मच्छरों से पैदा होने वाले रोग डेंगू और चकौं गनिया रोकने के लिए सरकारी अधिकारी पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहे हैं और यह निर्देश दिया था कि एक हलफनामे दाखिल कर उन अधिकारियों के नाम 3 अक्टूबर तक बताए जाएं। जनहित एक आवेदन पर दिल्ली सरकार को दिए गए एक नोटिस के जवाब में जैन ने एक हलफनामा दाखिल किया है जिसमें यह शिकायत की गई है कि केंद्र सरकार के अधीन सरकारी अधिकारी पर्याप्त सहयोग नहीं कर रहे हैं ..