राज्य सभा में आज शोर-ओ-गुल और हंगामा के मुनाज़िर नज़र आए जबकि बी जे पी, एल जे पी और एन सी पी अरकान ने दिल्ली के ख़ानगी स्कूल्स में दाख़िलों में मुस्लमानों की मुबय्यना कम नुमाइंदगी के मसला पर ज़बानी तकरार हो गई। वक़फ़ा सिफ़र के दौरान तल्ख़ तेज़ और तुंद अल्फ़ाज़ के तबादला के नतीजा में थी।
एल जे पी के राम विलास पासवान और बी जे पी अरकान के दरमयान गरमागरम ज़बानी तकरार हुई। राम विलास पासवान ने इजलास की सदारत करने वाले पी जे कोरियन को ये मसला उठाते हुए कांग्रेस का आदमी क़रार दिया क्योंकि उन्होंने उन्हें मज़ीद वक़्त देने से इनकार कर दिया था।
इस पर बी जे पी के अरकान ब्रहम होकर अपनी नशिस्तों से उठ कर खड़े हो गए और इसरार करने लगे कि पासवान अपने अल्फ़ाज़ वापस ले लें। कोरियन ने एल जे पी क़ाइद से कहा कि अगर आप ने कुर्सी-ए-सदारत के ख़िलाफ़ कोई तब्सिरा किया है तो ये एक बुरी बात है और इस की मुज़म्मत की जानी चाहीए। सदर नशीन किसी भी सयासी पार्टी का नहीं होता। उसे बिलकुल ग़ैर जांबदार रहना पड़ता है।