दिल्ली कोर्ट ने रेप मामले में हरियाणा के रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट को किया बरी

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने  बलात्कार के एक मामले में हरियाणा के एक रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट को बरी कर दिया गया | एक अन्य अदालत का हवाला देते हुए निर्णय दिया गया कि कई मामलों में अकसर देखा गया है कि जब सहमति से फिज़िकल रिलेशन बनाये जाने के बाद जब  रिश्ता किसी अन्य वजह से टूट जाने पर अकसर महिलाएं  ‘प्रतिशोध या व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए एक हथियार के रूप में कानून का  इस्तेमाल करती हैं |

एडिशनल सेशन जज जैन ने , हरियाणा के मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव को ये कहते हुए आरोप मुक्त कर दिया कि महिला की अवैध मांग नहीं माने जाने पर महिला ने उनके ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (एन) (एक औरत के साथ बलात्कार बार बार) के तहत  झूठी शिकायत दर्ज करायी थी |

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया गया था कि महिला काम के सिलसिले में मुंबई से आई थी और आरोपी से उसकी मुलाक़ात दिसंबर 2009 में एक कॉमन फ्रेंड के माध्यम से हुई थी |

बाद में, आरोपी ने उसे हरियाणा स्टेट गेस्ट हाउस में बुलाया था और कुछ मुलाकातों के बाद उसने महिला को शादी का प्रस्ताव दिया किया था और वादा किया था कि वह अपनी पत्नी को तलाक देकर उससे शादी करेगा |इसी प्रस्ताव पर सहमति देते हुए फिज़िकल रिलेशनशिप थी लेकिन आरोपी ने 2012 में ये कहते हुए संबंध ख़त्म कर दिए थे किअगर  वह इस रिश्ते को क़ायम रखता है तो अपनी बेटी का सामना नहीं कर पायेगा |

जबकि आरोपी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि उसने महिला की अनुचित मांग और धमकियों को देखते हुए उससे रिश्ता खत्म किया था |