दिल्ली को अकेले काम पर जाने या घूमने-फिरने के लिहाज से ख्वातीन गैरमहफूज़ शहर मानती हैं जबकि मुंबई को सबसे महफूज़ शहर मानती हैं। ट्रैवल पोर्टल ट्रिप एडवाइजर के वाहिद खातून ट्रैवलर सर्वे 2013 के दौरान यह नतीजा सामने आया है। सर्वे में शामिल 84 फीसद ख्वातीन ने दिल्ली को गैरमहफूज़ माना। जबकि मुंबई को 43 फीसद ख्वातीन ने महफूज़ माना है। इसके बाद 12 फीसद के साथ अहमदाबाद और बेंगलुरु दूसरे नंबर पर है।
मुल्क में सफर के दौरान 94 फीसद ख्वातीन अपनी सेक्युरिटी को लेकर कभी न कभी फिक्रमंद रही हैं। जबकि बैरून में वे बेफ्रिक रहती हैं। करीब 33 फीसद ख्वातीनो का कहना है कि वह सेल्फ डिफेंस ( खुद की हिफाज़त) के लिए अपने बैग में पेपर स्प्रे जैसी चीजों को रखती हैं।
वहीं 37 फीसद ख्वातीन का कहना है कि उन्हें तन्हा सफर करने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
सर्वे कामकाजी और खुद का कारोबारी करने वाली ख्वातीन के बीच किया गया था। ट्रैवल पोर्टल के मैनेजर निखिल गंजू का कहना है कि वो हैरत ज़दा हैं कि 34 फीसद ख्वातीन तन्हा ( अकेले) सफर करना पसंद करती है।
राजधानी को गैर महफूज़ बताना नाकामी : सुषमा
लोकसभा में अपोजिशन की लीडर सुषमा स्वराज ने कहा कि दिल्ली को ख्वातीन के लिए गैर महफूज़ शहर बताया जाना हुकूमत की नाकामी है। उन्होंने मरकज़ी वज़ीर ए दाखिला एम. रामचंद्रन के बयान को रुटीन जानकारी बताया।
रामचंद्रन ने ज़ीरो आवर ( Zero Hour) में दिल्ली में ख्वातीन की सेक्युरिटी के लिए Change Plan लागू किए जाने की इत्तेला दी थी। इसके तहत पुलिस बीट की तादाद बढ़ाई गई है। सड़कों पर निगाह रखने के लिए 5000 कैमरे लगाए जा रहे हैं। खातून पुलिस की तादाद में इजाफा किया गया है।