नई दिल्ली, 11 सितंबर: दिल्ली गैंगरेप केस में आज ही फैसला होने के पूरे आसार हैं क्योंकि कोर्ट में जजमेंट के चार सेट आ चुके हैं। वैसे, चारों दरिंदो के चेहरे की रंगत सजा सुनने से पहले ही उड़ गई। विनय की आंख में आंसू बहने लगे और मुकेश कटघरे में गुमसुम खड़ा है। पवन को समझ में नहीं आ रहा कि उसका वकील क्या बोल रहा है, वह आसपास खड़े लोगों के चेहरे ताक रहा है। अक्षय के चेहरे की भी हवाइयां उड़ी हुई है।
इन चारों ने कोर्ट से फांसी की सजा न देने की गुहार लगाई। शायद चारों को यह महसूस होने लगा है कि अब वे फांसी की सजा से नहीं बच पाएंगे। खातियों के वकील ने अदालत से कहा है कि उम्रकैद तो कानून है, लेकिन सजा-ए-मौत इस्तिशना (Exception) है। बचाव पार्टी के वकील ने भी इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ न मानने के लिए जज से अपील की है, जबकि सरकारी वकील चारों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे हैं।
आम जनता ही नहीं, बल्कि कुछ जानी-मानी हस्तियां भी इन दरिंदो के लिए फांसी की मांग कर रही हैं। खुद वज़ीर ए दाखिला सुशील कुमार शिंदे ने भी उम्मीद जताई है कि इन चारों को फांसी की सजा ही मिलेगी।
अदालत ने मुल्ज़िम मुकेश कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को 11 दफआत के तहत कत्ल, कत्ल करने की कोशिश , लूटपाट, गैंगरेप, इस्मतरेज़ि, सबूत खत्म करने और जुर्म में इज्तिमायी भागीदारी का खाती पाया। आज 11 बजे से इन चारों दरिंदो की सजा पर दिल्ली के साकेत कोर्ट में बहस शुरू होगी।
माना जा रहा है कि इनकी सजा का ऐलान आज ही हो जाएगा। प्रासीक्यूटर का कहना है कि यह जुर्म कभी कभार / गैर मामूली की कटेगरी में आता है औरमुल्ज़िमो के लिए फांसी की सजा की मांग की जाएगी।
16 दिसंबर, 2012 को वसंत विहार इलाके में फिजियोथेरेपिस्ट की स्टूडेंट से चलती बस में गैंगरेप किया गया था। मुतास्सिरा की 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज़ के दौरान मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में बस ड्राइवर राम सिंह व उसके भाई मुकेश के साथ विनय, पवन, अक्षय ठाकुर और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था। राम सिंह की तिहाड़ जेल में मौत हो चुकी है, जबकि बाल अदालत नाबालिग को गत 31 अगस्त को तीन साल के लिए बाल सुधार गृह में भेज चुका है।