नई दिल्ली, 12 सितंबर: दिल्ली गैंगरेप केस के मुल्ज़िम मुकेश सिंह के वकील वीके आनंद पर हमला हो गया है लेकिन अभी यह पता नहीं चल पाया कि यह हमला अचानक किया गया या फिर पहले से सोची समझी थी | वीके आनंद पहले इसी मामले के मुल्ज़िम राम सिंह के वकील थे, जिसने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी |
दिल्ली गैंगरेप केस के चारों दोषियों की सजा का ऐलान अब जुमे के दिन दोपहर 2:30 बजे होगा | मुल्ज़िमो को क्या सजा दी जाए, इस पर तकरीबन ढाई घंटे तक चली बहस के बाद अदालत ने यह फैसला लिया बहस के बाद बचाव पार्टी के वकील ने मीडिया के सामने बताया कि उन्होंने सारी बातें अदालत में सामने रखीं| मुल्ज़िम विनय के बारे में उन्होंने बताया कि उसकी उम्र काफी कम है और कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड भी नहीं है| खातियों में सुधार की गुंजाइश है, इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाए|
इससे पहले बचाव पार्टी के वकील ने खातियों को फांसी की सजा से बचाने के लिए दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर का भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि जब बटला हाउस एनकाउंटर के खाती को उम्रकैद की सजा दी गई तो बलात्कारियों के लिए मौत की सजा पर गौर क्यों किया जा रहा है?
मुल्ज़िम पवन गुप्ता को फांसी से बचाने के लिए उनके वकील ने उनकी कम उम्र और सामाजी पेश ए मंज़र की अलग से दलील पेश की है उनके वकील ने अदालत से कहा कि पवन सिर्फ 19 साल का अनपढ़ शख्स है इसलिए उसे सुधरने का मौका देते हुए फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए |
चारों मुल्ज़िमो को फांसी की सजा से बचाने के लिए उनके वकील ने हरमुम्किना दलील पेश की उनके वकील ने कहा, कोर्ट तोमुश्तबा दहशतगर्दो को छोड़ देता है, फिर ये कोई दहशतगर्द नहीं है बचाव पार्टी के वकील का कहना है कि यह पहले से बनायी हुई वारदात नहीं थी, बल्कि जोश में किया गया जुर्म था बचाव पार्टीइ की दलील है कि फांसी असल हुकूक की खीलाफवर्जी है |
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इससे पहले चारों दरिंदो के चेहरे की रंगत सजा सुनने से पहले ही उड़ गई विनय की आंख में आंसू बहने लगे और मुकेश कटघरे में गुमसुम खड़ा रहा पवन को यह समझ नहीं आ रहा था कि उसका वकील क्या बोल रहा है वह आसपास खड़े लोगों के चेहरे ताक रहा था अक्षय के चेहरे की भी हवाइयां उड़ी हुई थीं |
इन चारों ने कोर्ट से फांसी की सजा न देने की गुहार लगाई शायद चारों को यह महसूस होने लगा है कि अब वे फांसी की सजा से नहीं बच पाएंगे मुल्ज़िमो के वकील ने अदालत से कहा है कि उम्रकैद तो कानून है, लेकिन सजा-एमौत रेआयत ( Exception) है| बचाव पार्टी के वकील ने भी इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर न मानने के लिए जज से अपील की है, जबकि सरकारी वकील चारों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहे थे|
आम जनता ही नहीं, बल्कि कुछ जानी-मानी हस्तियां भी इन बलात्कारियों के लिए फांसी की मांग कर रही हैं | खुद वज़ीर ए दाखिला मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने भी उम्मीद जताई थी कि इन चारों को फांसी की सजा ही मिलेगी |
अदालत ने मुल्ज़िम मुकेश कुमार, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को 11 दफआत के तहत कत्ल, कत्ल करने की कोशिश, लूटपाट, गैंगरेप, कुकर्म, सुबूत खत्म करने और ज़ुर्म में इज्तिमायी भागीदारी का खाती पाया था |
16 दिसंबर, 2012 को वसंत विहार इलाके में फिजियोथेरेपिस्ट स्टूडेंट से चलती बस में गैंगरेप किया गया था मुतास्सिरा लड़की की 29 दिसंबर को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज़ के दौरान मौत हो गई थी पुलिस ने इस मामले में बस ड्राइवर राम सिंह व उसके भाई मुकेश के साथ विनय, पवन, अक्षय ठाकुर और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था राम सिंह की तिहाड़ जेल में मौत हो चुकी है, जबकि बाल न्यायालय ( बच्चो की अदालत) नाबालिग को गुज़िश्ता 31 अगस्त को तीन साल के लिए बाल सुधार गृह में भेज चुका है|