दिल्ली: डलहौजी रोड का नाम औरंगजेब के बड़े भाई दारा शिकोह के नाम पर बदला गया

नई दिल्ली: ‘नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल’ ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया है. एनडीटीवी के मुताबिक, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने बताया कि बीजेपी औरंगजेब रोड का नाम पहले दारा शिकोह रोड रखना चाहती थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.

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डलहौजी रोड का नाम दारा शिकोह रोड रखने का प्रस्ताव रखने वाली नई दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने बताया, पहले औरंगजेब रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड रखने का प्रस्ताव था, लेकिन एपीजे अब्दुल कलाम के देहांत के बाद एनडीएमसी ने उनके नाम पर रोड का नाम रखने का फैसला किया. मेरे ख्याल से दारा शिकोह एक ऐतिहासिक शख्सियत हैं, जिन्हें वाजिब सम्मान नहीं मिला है.

बता दें कि लेखी ने एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार को तीन फरवरी को पत्र लिखकर कहा था, मुगल शहंशाह शाह जहाँ के बड़े बेटे दारा शिकोह ने अमन-चैन को बढ़ावा दिया था, और हिन्दू धर्म और इस्लाम के बीच एकता के लिए काम किया था, एनडीएमसी में भाजपा का कब्जा है इसलिए नरेश कुमार सोमवार को ही लेखी का सुझाव मान गए.

उल्लेखनीय है कि दारा शिकोह पांचवे मुगल बादशाह शाह जहाँ का बड़ा बेटा था. दारा का जन्म 20 मार्च 1615 को अजमेर के निकट सागरताल में हुआ था. माना जाता है कि शाहजहाँ को कोई बेटा नहीं था इसलिए उन्होंने अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जाकर बेटे की मन्नत मांगी थी. बादशाह की मुराद पुरी भी हुई और दारा का जन्म हुआ.
दारा कम उम्र से ही सुफियाना झुकाव था. उसने मुल्ला अब्दुल लतीफ सहारनपुरी से कुरान, अरबी और फारसी इत्यादि की शिक्षा ली. दारा अपना ज्यादातर समय पुस्तकालय में बिताता था। उसने अपने समय की सभी महत्वपूर्ण सूफी ग्रंथों का अध्ययन किया. उसने सूफी संतों और विद्वानों के साथ चर्चा भी करता था.