नगर निगम की 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव ने दिल्ली की सियासत को एक बार फिर गर्म कर दिया है। दिल्ली सरकार साल भर से इस चुनाव को टाल रही थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उपचुनाव कराने का आदेश दे ही दिया। 15 मई को होने वाले इस चुनाव को दिल्ली के करीब 6.5 लाख मतदाताओं का सैंपल सर्वे माना जा रहा है। चुनाव के नतीजे 19 मई को आने वाले हैं।
फिलहाल 272 सीटों वाले निगमों की 13 सीटों पर होने वाले उपचुनाव ने सभी दलों को सक्रिय कर दिया है। 2013 के विधानसभा चुनाव में छह पार्षदों और फरवरी 2015 के विधानसभा चुनाव में सात पार्षदों के विधायक बनने से निगम की 13 सीटें खाली हो गई थीं। जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम की दो सीटें-झिलमिल व खिचड़ीपुर, उत्तरी नगर निगम की चार सीटें- वजीरपुर, शालीमार बाग, कमरुद्दीन नगर व बल्लीमरान और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की सात सीटें- मटियाला, भाटी, नानकपुरा, मुनीरका, नवादा, तेखंड व विकास नगर शामिल हैं। 2012 के निगम चुनाव में तीनों निगमों में भाजपा की जीत हुई थी।
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