दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने झंडे गाडे, बीजेपी अक्सरियत से दूर

दिल्ली विधानसभा की सभी 70 सीटों पर हुए इ‍तेखाबात में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के शक्ल में सामने आई लेकिन अकसरियत से दूर रह गई नजर आती है। पहली बार इलेक्शन लड रही आम आदमी पार्टी ने शानदार मुज़ाहिरा किया है। इलेक्शन में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त को कुबूल करते हुए शीला दीक्षित ने वज़ीर ए आला के ओहदे से अपना इस्तीफा नायब गवर्नर नजीब जंग को भेज दिया और कहा कि इस पर गौर किया जाएगा कि क्या गलत रहा।

बीजेपी के वज़ीर ए आला ओहदे के उम्मीदवार डॉक्टर हर्षवर्धन कष्णानगर सीट पर जीत गए हैं। शीला की हुकूमत में कैबिनेट मिनिस्टर किरण वालिया, हारून यूसुफ, राजकुमार चौहान और रमाकांत गोस्वामी अपने हरीफों से हार गए हैं या पीछे चल रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली विधानसभा इंतेखाबात में उनकी पार्टी की शानदार जीत “आवाम की जीत” है। नई दिल्ली विधानसभा हलके से दिल्ली की 15 साल तक वज़ीर ए आला रही शीला दीक्षित को शिकस्त देने वाले केजरीवाल ने कुल 44,269 वोट हासिल किए। शीला दीक्षित को 18,405 और बीजेपी के विजेंद्र गुप्ता को 17,952 वोट मिले।

खुशी मनाते हुए कारकुनो के सामने मौजूद हुए केजरीवाल ने कहा, “यह मेरी जीत नहीं है। यह नई दिल्ली विधानसभा हलके की आवाम की जीत है और जम्हूरियत की जीत है।”

उनके हामी पार्टी का चुनाव चिन्ह झाड़ू लहरा रहे थे। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी की जीत को लेकर हमेशा से यकनी था था।

इस बीच दीक्षित के इस्तीफे के बाद दिल्ली के नायब गवर्नर नजीब जंग ने असेम्बली तहलील कर दी और दीक्षित का इस्तीफा सदर जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी के पास भेज दिया।