दिल्ली में उर्दू तहज़ीबी विरसा-ए-मेला

इश्क़ मुहब्बत और शायरी की ज़बान उर्दू अब भी दिल्ली को इस के शानदार माज़ी और क़व्वालियों ग़ज़ल गुलूकारी मुशाविरों और ड्रामों के ज़रीये मरबूत करती है। दिल्ली में अब एक उर्दू तहज़ीबी मैले की तैयारीयां पुरज़ोर अंदाज़ में जारी है।

हुकूमत दिल्ली के महिकमा फुनूने लतीफ़ा सक़ाफ़्त और लसानीयत उर्दू एकेडेमी के तआवुन से उर्दू तहज़ीबी विरसा-ए-मेला लाल क़िला के मैदान पर 20सितंबर से मुनाक़िद कर रहा है। इस पाँच रोज़ा मैले की ख़ुसूसीयत कुल हिंद मुशायरा और शाम में ग़ज़ल गुलूकारी के प्रोग्राम भी हैं।

मुल्क गीर सतह पर उर्दू शायरी अवाम की पसंदीदा है और भूपेंद्र-ओ-मिताली ज़ीला ख़ान असलम साबरी अनीता सिंघवी जैसे ग़ज़ल गुलूकार इंतिहाई मशहूर हैं। तहज़ीबी प्रोग्रामों के अलावा अन्वा इक़साम के पकवान किताबों की नुमाइश ख़त्ताती की नुमाइश सूफियाना कलाम और साज़ पर ग़ज़लें पेश करने के प्रोग्राम भी मुनाक़िद किए जाऐंगे।