दिल्ली में देश का सबसे बड़ा अपशिष्ट-विद्युत कारखाना शुरू

केंद्रीय मंत्री ‘वेंकैया नायडू’ ने आज देश के सबसे बड़े ‘अपशिष्ट-से-बिजली’ कारखाने का उद्घाटन किया और कहा कि ठोस वैज्ञानिक अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के बिना स्वच्छ भारत मिशन नामुमकिन है।

नरेला-बावाना में  24 मेगावाट  के कारखाने का उद्घाटन करते हुए शहरी विकास मंत्री ‘नायडू’ ने कहा की देश के लिए एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली सबसे बड़ी चुनौती है।

उन्होंने कहा कि कारखाना न केवल 1300 मीट्रिक टन कचरे का दैनिक रूप से निपटारा करेगा बल्कि खाद और ऊर्जा का भी उत्पादन करेगा ।

650 करोड़ रुपये की लागत से बना यह कारखाना, नरेला-बवाना में लगभग 100 एकड़ में फैला हुआ है । यह रोज़ाना 2,000 मीट्रिक टन के ठोस अपशिष्ट का उपयोग कर 24 मेगावाट ऊर्जा पैदा करेगा।

इस अवसर पर उपस्थित ‘यूनियन साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ के मंत्री ‘हर्षवर्धन’ ने कहा कि देश में हर रोज़ कई टन सीवर और ठोस अपशिष्ट का उत्पादन होता है और इसका निपटारा देश के लिए एक चुनौती है।

हर्षवर्धन ने कहा, “नरेला-बवाना कारखाना इस चुनौती का सामना करने में एक सही कदम है।”