नई दिल्ली, 0 9मार्च: दिल्ली की वज़ीर ए आला शीला दीक्षित रियासत में पुलिस निज़ाम से खुश नहीं हैं। उन्होंने कानून निज़ाम के हालात और ख्वातीन की हिफाज़त के मामले में एक चैनल पर कहा कि ‘मेरी बेटी भी इस शहर में गैर महफूज़ महसूस करती है। ख्वातीन के खिलाफ जुर्म के आदाद व शुमार चौंकाने वाले हैं। लेकिन हम इस चुनौती का हिम्मत और पुख़्ता अज़्म के साथ मुकाबला करेंगे।
वज़ीर ए आला ने कहा कि हम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। पूरे मुल्क में यह हो रहा है लेकिन यह कोई मुकाबला नहीं है। मैं इसमें शामिल नहीं होना चाहती।
पता नहीं क्यों जब लड़की सड़क पर चलती है तो लोग उसे छेड़ते हैं और तंग करते हैं। जब हम स्कूल कॉलेज जाते थे तो सीटी बजती थी लेकिन छेड़छाड़ व तंग करने जैसी दिक्कत नहीं थी।
वज़ीर ए आला ने खराब कानून निज़ाम पर अफशोश जाहिर किया और कहा कि ख़्वातीन में अदम तहफ्फुज़ (Insecurity) के जज़्बा को खत्म करने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है। मैं कानून निज़ाम से मुतमईन नहीं हूं।
मैं यह फैसला नहीं कर पा रही हूं कि 16 दिसंबर के वाकिया के बाद कोई सुधार हुआ है या नहीं। इससे पहले पुलिसिया निज़ाम को दुरुस्त करने के लिए शीला दीक्षित वज़ीर ए आज़म को खत लिख चुकी हैं।
वज़ीर ए आला ने कहा है कि वज़ीर ए आज़म ने खत के जवाब में अच्छी हिफाजती इंतेज़ाम का भरोसा दिया है लेकिन मैं फिर कहूंगी कि बढ़िया पुलिस निज़ाम जादू की छड़ी नहीं है। हुकूमत पर सब कुछ नहीं डाल सकते। बेशक पुलिस मुझे रिपोर्ट करती है फिर भी मैं कानून निज़ाम को लेकर फिक्रमंद जरूर हूं।
वज़ीर ए आला ने कहा कि मैं नहीं कह रही हूं कि पुलिस की रिपोर्टिंग (Lieutenant governor को ) करना ठीक है या गलत, लेकिन यह सिस्टम है। अपनी हुदूद में रहकर जो कुछ हम कर सकते हैं उससे यह नहीं रुक रहा है।
वहीं, एक दिन में रेप की चार वाकियात के सवाल पर मुसबत जवाब दिया और कहा कि इस तरह के वाकियात की रिपोर्ट हो रही हैं, यह अच्छा है।